AIIMS Cyber Attack: दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को एक पत्र लिखा है। पत्र के जरिए दिल्ली पुलिस ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) साइबर हमले के मामले में इंटरपोल के माध्यम से चीनी हैकरों के बारे में जानकारी मांगी है। बता दें कि इंटरपोल से संपर्क के लिए सीबीआई नोडल एजेंसी है।
साइबर अपराधियों ने AIIMS की डिजिटल सेवाओं को हैक किया और कथित तौर पर बड़ी संख्या में रोगियों के डेटा से समझौता किया। साथ ही कथित तौर पर क्रिप्टोकरेंसी में 200 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि भी मांगी। देश के प्रमुख संस्थान के सर्वर कई दिनों तक डाउन रहे, जिससे आउट पेशेंट विभाग (OPD) और सैंपल कलेक्शन की सेवाएं भी प्रभावित हुईं।
AIIMS Delhi server attack | IFSO of Delhi Police writes to CBI asking them to get details from Interpol about IP addresses of the email IDs from Henan in China& Hong Kong that were used to launch the cyber attack. Since CBI is the nodal agency,letter written to them: Delhi Police
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) December 18, 2022
पत्र में दिल्ली पुलिस ने मांगी ये जानकारी
केंद्रीय एजेंसी को लिखे पत्र में दिल्ली पुलिस ने पूछा है कि क्या इन आईपी एड्रेस का इस्तेमाल कोई कंपनी कर रही है या कोई व्यक्ति। साथ ही चीन में इंटरनेट मुहैया कराने वाली कंपनी के बारे में भी जानकारी मांगी है।
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा है कि दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) ने CBI को लिखा है कि वे इंटरपोल से चीन और हांगकांग के हेनान से ईमेल आईडी के आईपी पतों के बारे में विवरण प्राप्त करने के लिए कहें, जिनका उपयोग साइबर हमले को शुरू करने के लिए किया गया था।
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साइबर अटैक के डर के बीच एम्स में मैन्युअल सेवाएं जारी
साइबर सुरक्षा के डर के बीच एम्स में सभी आपातकालीन और नियमित रोगी देखभाल और प्रयोगशाला सेवाएं मैन्युअल रूप से जाना जारी है। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को हल करने के लिए लगातार काम किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच एजेंसियों की सिफारिशों के अनुसार एम्स में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं। दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ इकाई ने रैंसमवेयर हमले के संबंध में 25 नवंबर को जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया था।
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि बाद में यह सामने आया कि एम्स दिल्ली के सर्वर पर साइबर हमले के चीन और हांगकांग के स्थानों से उत्पन्न होने का संदेह था। अधिकारियों ने दावा किया कि 100 सर्वरों (40 भौतिक और 60 आभासी) में से, पांच भौतिक सर्वरों को हैकर्स द्वारा सफलतापूर्वक घुसपैठ कर लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, नुकसान और भी ज्यादा होता, लेकिन समय रहते दखल देकर इसे टाल दिया गया।