नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी राघव चड्ढा का संसद का उच्च सदन या राज्यसभा से निष्कासन जल्द ही रद्द हो जाने की उम्मीद है। यह संभावना राघव की तरफ से देश की सबसे ऊंची अदालत में लगाई गई याचिका पर शुक्रवार की सुनवाई के बाद बनी है। सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा से कहा है कि वह राज्यसभा के सभापति जगदीप धखखड़ से मिलकर बिना किसी शर्त के माफी मांगें, जिसके बाद सभापति उनके निलंबन को रद्द करने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि इसी बीच चड्ढा के वकील की तरफ से कोर्ट को बताया गया है कि प्रतिष्ठित सदन के सबसे कम उम्र के सदस्य राघव चड्ढा बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हैं।
दिल्ली सेवा विधेयक के मुद्दे पर हुआ था निलंबन
गौरतलब है कि अगस्त में मॉनसून सत्र के दौरान दिल्ली सेवा बिल पर एक प्रस्ताव पेश कियार गया था। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा की तरफ से पेश किए गए इस प्रस्ताव का भारतीय जनता पार्टी के तीन, बीजू जनता दल के एक और अन्नाद्रमुक के एक सांसद ने विरोध किया। इसके बाद संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले की जांच की मांग उठाई। 11 अगस्त को संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राघव चड्ढा को पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप में राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था।
यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव से पहले टूट जाएगा I.N.D.I.A गठबंधन? नीतीश ने एक तीर से साधे कई निशाने, अखिलेश के भी बदले सुर
हालांकि इसके बाद भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हो राघव ने कहा था, ‘मेरी गलती केवल इतनी है कि मैंने देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के नेताओं से सदन में खड़े होकर सवाल पूछ लिया। क्या दिल्ली सेवा बिल पर सवाल पूछना क्या अपराध है?’। सदन में बोलने का मौका नहीं देने के लिए माइक बंद कर देने के मुद्दे पर राघव चड्ढा ने विशेषाधिकार समिति के सामने भी अपनी बात रखी, वहीं इसी के साथ 10 अक्टूबर को वह अपने निलंबन को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंच गए।
यह भी पढ़ें: ‘आप मुझे माई लाॅर्ड कहना छोड़ दो मैं आधी सैलरी दे दूंगा…’ सुप्रीम कोर्ट में जज ने क्यों की ऐसी टिप्पणी?
शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा का निलंबन रद्द किए जाने को लेकर दिशा सुझाई है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘आपने बिना शर्त माफी की बात कही थी और बेहतर होगा कि आप राज्यसभा के सभापति जगदीप धखखड़ से अप्वाइंटमेंट लेकर उनसे मिलें। इसके बाद सभापति इस आधार पर विचार कर सकते हैं कि आप एक युवा सदस्य हैं। इस तरह उनके निलंबन को खत्म करने का रास्ता निकल सकता है। राघव चड्ढा के राज्यसभा से निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि आज प्रिविलेज कमेटी की बैठक होनी है’।