Thursday, 25 April, 2024

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AAP नेता मनीष सिसोदिया का खिचड़ीपुर ITI दौरा, छात्रों से की कोर्सज के महत्त्व पर चर्चा

नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को केजरीवाल सरकार के खिचड़ीपुर, आईटीआई में छात्रों के साथ संवाद किया। उन्होंंति आईटीआई के कोर्सेज के महत्त्व पर चर्चा की। और इस बात पर चर्चा की, कि वे आईटीआई के बाद अपना क्या भविष्य देखते हैं। संवाद के दौरान छात्रों ने बताया आईटीआई के प्रोफेशनल […]

Edited By : Yashodhan Sharma | Updated: Nov 3, 2022 16:26
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ITI Khichdipur

नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को केजरीवाल सरकार के खिचड़ीपुर, आईटीआई में छात्रों के साथ संवाद किया। उन्होंंति आईटीआई के कोर्सेज के महत्त्व पर चर्चा की। और इस बात पर चर्चा की, कि वे आईटीआई के बाद अपना क्या भविष्य देखते हैं।

संवाद के दौरान छात्रों ने बताया आईटीआई के प्रोफेशनल कोर्सेज से उन्हें ग्रेजुएशन से ज्यादा आत्मविश्वास मिल रहा है और अब उन्हें इस बात का डर नहीं है कि कोर्स के बाद उन्हें नौकरी के लिए भटकना पड़ेगा।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीआई जैसी संस्थानों से ट्रेनिंग लेकर निकलने वाले हुनरमंद छात्र भविष्य की नई इबारत लिखेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा देश विकसित तभी बनेगा जब देश का हर युवा स्किल्ड हो, इसलिए डिग्री हासिल करने के साथ-साथ युवाओं को हुनरमंद बनना होगा।

बता दें कि केजरीवाल सरकार के आईटीआई में पिछले कुछ सालों में इंडस्ट्री व बाजार कि जरूरतों को देखते हुए बहुत से आधुनिक कोर्सेज कि शुरुआत की गई है। इन आईटीआई में पढ़ने वाले लगभग शत प्रतिशत बच्चों का प्लेसमेंट हो जाता है या फिर वे अपना खुद का काम शुरू कर देते हैं। गुरुवार को आईटीआई विजिट के दौरान उपमुख्यमंत्री ने देखा कि यहां मौजूद बहुत से बच्चे 12वीं व ग्रेजुएशन के बाद आईटीआई कर रहे है।

शिक्षामंत्री ने छात्रों से पूछा कि ऐसा क्यों है कि 11वीं-12वीं व ग्रेजुएशन के बाद भी युवा वो कोर्स कर रहे है जो वे 10वीं के बाद बही कर सकते है| इसपर हर छात्र ने इस बात को बहुत अच्छे से बताया कि आईटीआई का उनका कोर्स से उन्हें 11वीं-12वीं या ग्रेजुएशन की पढाई से ज्यादा आत्मविश्वास दे रहा है।

छात्रों ने बताया कि जब वे 11वीं-12वीं में में थे तो उनमे आत्मविश्वास नहीं था, यह समझ नहीं थी कि वे आगे क्या करेंगे। लेकिन जबसे आईटीआई में आये तबसे उन्हें अपने भविष्य की तस्वीर साफ़ हो गई है और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है|

साथ ही केजरीवाल सरकार कि स्किल यूनिवर्सिटी में जिन छात्रों ने आईटीआई की है उनके आईटीआई कोर्स को 11वीं-12वीं की मान्यता मिलती है, और वे सीधे डिग्री,डिप्लोमा कोर्स में दाखिला ले सकते है। इससे छात्रों का यह डर दूर हो जाता है कि अगर दसवीं के बाद सीधे आईटीआई में आ गये तो उनकी 11वीं-12वीं का क्या होगा। दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी ने आईटीआई के छात्रों के इस डर को दूर करने का काम किया है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे विश्व में प्रोफेशनल कोर्सेज पर फोकस किया जा रहा है। लेकिन आज भी भारत के साथ-साथ कई विकासशील देशों में बच्चों के मन में चाहे-अनचाहे ये बात डाली जाती है कि यदि उन्होंने ग्रेजुएशन नहीं किया तो कुछ नहीं किया। उसके विपरीत विकसित देशों में टेक्निकल एजुकेशन पर फोकस किया जाता है|

उन्होंने कहा कि आज जब 8वीं क्लास की एलिजिबिलिटी की कोई नौकरी निकलती है तो उस नौकरी को पाने के लिए हजारों की संख्या में ग्रेजुएट बच्चे लाइन में लगे होते है। ऐसे में उस ग्रेजुएशन की डिग्री का क्या फायदा जो आपको नौकरी न दिला सकें।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के बहुत से देशों में अब ये मानसिकता बदलने लगी है और उन्होंने शिक्षा को लेकर अपनी परम्परागत मान्यताओं से दूर जाना शुरू कर दिया है और टेक्निकल एजुकेशन पर फोकस किया है। भारत में भी हमें इस सोच के साथ आगे बढ़ने की जरुरत है।

सिसोदिया ने आईटीआई के छात्रों से आह्वान किया कि एक ऐसे समाज में जहां यह माना जाता है कि यदि ग्रेजुएशन नहीं की तो बच्चे की पढाई में बहुत बड़ी कमी रह गई। वैसे समाज में हमें बच्चों को प्रोफेशनल कोर्स की ओर मोड़ना है तो हमारे आईटीआई के बच्चों को हमारे स्कूलों के बच्चों को इंस्पायर करना होगा।

उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही एक कार्यक्रम डिजाईन करेंगे जिसमें ईटीआई के बच्चों को स्कूलों में आईटीआई के लिए संभावित बच्चों से संवाद करवाया जायेगा और प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए प्रेरित किया जायेगा।

First published on: Nov 03, 2022 04:21 PM

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