Greater Noida News: उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी करना अब बिल्डरों को भारी पड़ने लगा है. जिला उपभोक्ता आयोग ने एक अहम फैसले में अंसल हाईटेक टाउनशिप लिमिटेड को खरीदार को उसकी पूरी जमा राशि ब्याज समेत लौटाने का आदेश दिया है. दिल्ली के बसंत विहार निवासी भारती अश्वनी द्वारा दायर शिकायत पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बिल्डर को 30 दिनों के अंदर 5.53 लाख, 6 फीसद सालाना ब्याज समेत, लौटाने का निर्देश दिया है. साथ ही मानसिक पीड़ा और वाद व्यय के लिए अतिरिक्त 10,000 भी देने होंगे.
बुकिंग के सालों बाद भी नहीं मिला फ्लैट
भारती अश्वनी ने अंसल हाईटेक टाउनशिप लिमिटेड की अधिकृत साझेदार कंपनी एम्पायर इंफ्राविल्ड प्रा. लि. की आवासीय योजना में एक कमरे का फ्लैट बुक कराया था. फ्लैट की दर 2200 प्रति वर्ग फुट तय की गई थी और बुकिंग के तौर पर 10,000 का भुगतान किया गया था. बिल्डर ने वादा किया था कि 24 महीनों में फ्लैट का कब्जा दे दिया जाएगा, लेकिन चार साल बीत जाने के बावजूद न तो निर्माण कार्य शुरू हुआ और न ही कब्जा दिया गया.
बिल्डर ने जिम्मेदारी टाली, आयोग ने नहीं माना तर्क
सुनवाई के दौरान अंसल हाईटेक टाउनशिप लिमिटेड ने दावा किया कि भुगतान उसे नहीं बल्कि सहयोगी कंपनी को किया गया था, इसलिए वह उत्तरदायी नहीं है. जबकि एम्पायर इंफ्राविल्ड प्राइवेट लिमिटेड ने आयोग के समक्ष कोई पक्ष नहीं रखा. आयोग ने साक्ष्यों और दस्तावेजों का गहन परीक्षण करने के बाद माना कि एम्पायर इंफ्राविल्ड, अंसल हाईटेक की अधिकृत एजेंसी और साझेदार थी. इस कारण मुख्य जिम्मेदारी अंसल हाईटेक की बनती है.
आयोग का सख्त रुख
आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार पुंडीर और सदस्य अंजु शर्मा की पीठ ने स्पष्ट कहा कि उपभोक्ताओं के साथ अनुचित व्यवहार स्वीकार नहीं किया जाएगा. बिल्डर को आदेश दिया गया कि वह 5.53 लाख रुपये की राशि 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित, मानसिक क्षतिपूर्ति और वाद व्यय के साथ 30 दिनों में लौटाए, अन्यथा राशि पर अतिरिक्त ब्याज लागू होगा.
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