नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में जनजातीय कार्य मंत्रालय ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समुदाय के लिए बीते गुरुवार एक सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में रहने वाले पांच विशेष पिछड़ी जनजातियां शामिल हुईं। ये पांच समुदाय बैगा, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, कमार और अबूझमाड़िया हैं। इन समुदाय के 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में हुए सम्मेलन में मुलाकात की। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ के सभी जनजाति समुदाय के लोगों से बातचीत की। इस बीच राष्ट्रपति मुर्मू उनकी संस्कृति, रीति-रिवाजों से रूबरू हुईं।
राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने की मुलाकात
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में रहने वाली विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के मुखिया ईतवारी बैगा मछिया ने राष्ट्रपति को एक पुस्तक दी। इस किताब में आदिम जाति के इतिहास और संस्कृति के बारे में लिखा है। ये पुस्तक आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने प्रकाशित किया है। छत्तीसगढ़ से गए सभी जनजातियों के समूह ने राष्ट्रपति मुर्मू का बैगा जनजातियों के विशेष श्रृंगार बिरनमाला से स्वागत किया। इसके बाद सभी जनजातीय समूह ने संसद भवन का भ्रमण किया और वहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला से भी मुलाकात की। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष को अपनी संस्कृति और रीति-रिवाजों के बारे में भी जानकारी दी। कबीरधाम जिले में रहने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के प्रतिनिधिमंडल में ईतवारी राम मछिया प्रदेश अध्यक्ष आदिम जाति बैगा समाज, पुसूराम बैगा अध्यक्ष बैगा विकास अभिकरण, सेमलाल बैगा, सोनालाल बैगा सदस्य बैगा विकास अभिकरण, जगोतीन बाई बैगा और बैसाखीन बाई बैगा शामिल हुईं।
यहां रहती हैं ये जनजातियां
छत्तीसगढ़ के 17 जिलों में केन्द्र सरकार द्वारा मान्य विशेष पिछड़ी पांच जनजातीय समुदाय रहती हैं। इन पांच विशेष पिछड़ी जनजातिया में बैगा, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, कमार और अबूझमाड़िया शामिल हैं। विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति बैगा कबीरधाम, मनेद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, राजनांदगांव और मुंगेली जिले में रहती हैं। इसी तरह पहाड़ी कोरवा सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर और कोरबा जिले में रहती हैं। बिरहोर जनजाति जिला कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर, जशपुर में रहती हैं। कमार जनजाति जिला गरियाबंद, धमतरी, कांकेर और महासमुंद रहती हैं। और विशेष पिछड़ी जनजाति अबूझमाड़िया जिला नारायणपुर में रहती हैं।