रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने मंत्रालय में नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। ठगों ने मंत्रालय में फूड इंस्पेक्टर और मंडी इंस्पेक्टर की नौकरी लगाने के नाम पर 8 लाख 15 हजार रुपए की ठगी को अंजाम दिया था।
फिलहाल, गिरोह के दो शातिर आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वहीं ठगी का मास्टर माइंड मंत्रालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी फरार है। आरोपियों ने पीड़ित को रायपुर टैगोर नगर स्थित विधायक विश्राम गृह में बुलाकर ठगी को अंजाम दिया था।
इस तरह बेरोजगार युवक को जाल में फंसाया
जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने राजधानी बुलाकर राजनांदगांव के एक बेरोजगार को बुलाकर सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर लाखों की ठगी का शिकार बनाया है। पीड़िता की पहचान राजनांदगांव के धौराभांठा गांव के सुधीर कुमार कौमार्य के रूप में हुई है।
परिचित ही निकले दगाबाज
कथित तौर पर सुधीर को उसके ही परिचित अशुंल सोनी ने अपना और अपने दो साथियों अशोक सोनी और राजकुमार पटेल का मंत्रालय में रसूख बताकर फूड इंस्पेक्टर या मंडी इंस्पेक्टर के पद पर सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया।
पीड़ित को पूरी तरह से अपने जाल में फसाने के लिए रायपुर के टैगोर नगर स्थित शासकीय विधायक विश्राम गृह बुलाया। ठगों ने सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 20 लाख रुपए की मांग की, जिसके चलते पीड़ित ने 8 लाख 15 हजार रुपए शातिर ठगों को दे दिये। बस फिर क्या था शातिर मार्च से अब तक न तो नौकरी लगवा पाए और न ही पैसे वापस किए, जिस पर पीड़ित सुधीर ने रायपुर एसएसपी से लिखित शिकायत की।
शिकायत दर्ज होते ही ऐक्शन में पुलिस
एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का जिम्मा कोतवाली पुलिस को दिया। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर तीन आरोपियों अंशुल सोनी, अशोक सोनी और राजकुमार सोनी के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओ में मामला दर्जकर दो आरोपियों – अशोक सोनी और राजकुमार सोनी को गिरफ्तार कर लिया है।
मामले में ठगी का मास्टरमाइंड़ मंत्रालय में सहायक ग्रेड़-3 के पद पर पदस्थ अशुंल सोनी फरार है। फिलहाल, कोतवाली पुलिस गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ में जुटी है।
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