रायपुर: नवीन शैक्षणिक सत्र में शाला प्रवेशोत्सव से पूर्व स्कूलों में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है। इस वर्ष अधिक से अधिक सरकारी स्कूलों को ‘सुघ्घर पढ़वैय्या योजना’ के निर्धारित मानदंडो के अनुसार बनाने की योजना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप ‘‘स्कूल जतन योजना’’ से लंबे अरसे से जर्जर व खस्ता हालत में पड़े शालाओं के भवनों का मरम्मत व आकर्षक स्वरूप देने के लिए गोबर से बने पेंट से पुताई कर आकर्षक स्वरूप में तब्दील करने में प्रशासन लगी है।
कलेक्टर संजय अग्रवाल एवं जिला पंचायत सीईओ सुश्री लीना कोसम के मार्गदर्षन में जिला शिक्षा अधिकारी ललीत पटेल, समग्र शिक्षा अभियान के समन्वयक अधिकारी, सहायक संचालक रविन्द्र सिंहदेव के निगरानी में करीब 2016 जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए अबतक 1910 की प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने पर लगातार गुणवत्ता पूर्ण रूप से मरम्मत कार्य पूर्ण सुनिश्चित कराने में विकासखण्ड स्तर से लेकर संकुल स्तर पर अधिकारियों व कर्मचारियों को निगरानी का दायित्व सौंपा गया है। साथ ही सतत क्रियाशील होकर कार्यों से अब तक 1200 भवनों में मरम्मत कार्य पूर्ण होने की ओर अग्रसर है। तो वहीं 710 भवनों में कार्य तेजी से आरंभ हो चुकी है।
आपको बताते चलें कि मुख्यमंत्री बघेल की मंशा अनुसार विद्यालयों में अध्ययनरत नौनिहालों को सीखने के प्रभावी केन्द्र के रूप में विकसित होने के साथ ही शिक्षकों के सतत् क्षमता विकास के माध्यम से कक्षाओं में नवीन, रोचक एवं प्रभावी शिक्षण प्रक्रियाओं को लागू किया जाएगा।