---विज्ञापन---

2 साल, 400 किलोमीटर का सफर; MP से चलकर छत्तीसगढ़ के इस टाइगर रिजर्व में पहुंची ये बाघिन

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व की एक बाघिन छत्तीसगढ़ टाइगर रिजर्व में मिली है। ये बाघिन दो साल पहले एमपी में ट्रेस की गई थी। लेकिन अब इसने अपना आवास बदल लिया है। सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर ये बाघिन नए ठिकाने पर पहुंची है। विस्तार से इसके बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Oct 16, 2024 22:20
Share :
Achanakmar Tiger Reserve

Chhattisgarh News: (निशांत राजपूत, सिवनी) मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के पेंच नेशनल पार्क की एक बाघिन लंबा सफर तय कर नए ठिकाने की तलाश में छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व पहुंच गई। वर्ष 2022 के अखिल भारतीय बाघ आकलन (AITE) के दौरान यह बाघिन सिवनी पेंच नेशनल पार्क के कर्माझिरी एवं घाटकोहका परिक्षेत्र में लगे कैमरों में कैद हुई थी। लेकिन दो साल बाद अब इस बाघिन की लोकेशन छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व में पाई गई है। भारतीय वन्‍यजीव संस्‍थान टाइगर सेल के वैज्ञानिकों ने अचानकमार टाइगर रिजर्व द्वारा उपलब्‍ध कराए गए बाघिन के फोटोग्राफ का मिलान किया था। जो मध्‍य भारत के विभिन्‍न क्षेत्रों के टाइगर्स के डाटाबेस से मिलान किया गया था। जिसमें पेंच टाइगर रिजर्व की उक्‍त बाघिन की धारियों के मिलान के आधार पर पुष्टि की गई है।

यह भी पढ़ें:अब आई B-Tech पानीपुरी वाली महिला, Thar से बेचने आती हैं गोलगप्पे; आनंद महिंद्रा भी कर चुके तारीफ

---विज्ञापन---

अचानकमार रिजर्व प्रबंधन ने बताया है कि यह बाघिन अचानकमार टाइगर रिजर्व में 2023 शीत ऋतु के पूर्व से ही देखी जा रही है। यह खबर सभी वन्‍यजीव प्रेमियों के लिए हर्ष एवं गौरव का क्षण है, क्‍योंकि बाघिन ने लगभग 400 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर अपने नए आवास में प्रवेश किया है। यह खोज इस दृष्टि से भी महत्‍वपूर्ण है कि इससे आमजन को कॉरिडोर के संरक्षण की आवश्‍यकता एवं महत्‍व को समझने में मदद मिलेगी।

छत्तीसगढ़ में 4 टाइगर रिजर्व

बता दें कि छत्तीसगढ़ में गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व डेवलप किया जा रहा है। जो देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बताया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के मुताबिक इससे बनने से प्रदेश में टाइगर रिजर्व की संख्या 4 हो जाएगी। इससे पहले गुरु घासीदास नेशनल पार्क को साल 2021 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। विपक्ष इसको लेकर लगातार विरोध कर रहा था।

क्योंकि इस इलाके में काफी खदानें थीं। जिसके कारण इसे हरी झंडी नहीं मिल पा रही थी। इससे पहले की बात करें तो बीजेपी के शासनकाल में ही गुरु घासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला सेंचुरी को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाने का ड्राफ्ट भेजा गया था। जिसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने इसे मंजूरी प्रदान की थी।

यह भी पढ़ें:अर्श डल्ला, गोल्डी बराड़ से लखबीर सिंह तक… कनाडा में छिपे हैं पंजाब के ये 7 खूंखार गैंगस्टर

HISTORY

Written By

Parmod chaudhary

First published on: Oct 16, 2024 10:20 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें