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ISBM University बनी जिनालय में भगवान महावीर की रंगोली बनाने वालों के लिए वरदान, बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम शामिल

रायपुर: ISBM University छत्तीसगढ़ उन यूनिवर्सिटियों में से एक है जहां से निकले छात्रों ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपना नाम रोशन किया है। देश और राज्य में अपने समाज की कला और विज्ञान को प्रोत्साहित करने के लिए ISBM University किसी भी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ती है। अपने छात्रों के […]

Edited By : Yashodhan Sharma | Updated: Nov 5, 2022 18:18
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रायपुर: ISBM University छत्तीसगढ़ उन यूनिवर्सिटियों में से एक है जहां से निकले छात्रों ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपना नाम रोशन किया है। देश और राज्य में अपने समाज की कला और विज्ञान को प्रोत्साहित करने के लिए ISBM University किसी भी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ती है।

अपने छात्रों के साथ-साथ समाज के साथ चलने वाली यूनिवर्सिटी ने यूनिवर्सिटी के बाहर मिले कला के नमूने को सराहा। इतना ही नहीं ISBM University के चांसलर Vinay Agrawal ने इस कला को गोल्डन बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज तक करवा दिया।

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बता दें कि रायपुर के एक न्यू राजेन्द्र नगर में स्थित भगवान महावीर के जिनालय में भगवान महावीर के जीवन पर कुछ रंगोलियों का संग्रह बनाया था। ये रंगोलियां महावीर के जीवन के जन्म से लेकर मोक्ष तक के पहलुओं की झलक को दर्शा रही थीं। विनय अग्रवाल इस कला को देखकर इतने मोहित हो गये कि उन्होंने इस कला के संग्रह को गोल्डन बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवा दिया।

इस रंगोली के महान संग्रह को देखने के लिए क्षेत्र के कई अधिकारी और विधायक पहुंचे जिसमें सभी ने इस कला को सराहा और जिनालय को गोल्डन बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने पर बधाई भी दी।

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वहीं ये कला जैन के जिनालय में प्रदर्शित की गयी थी और भगवान महावीर को समर्पित की गयी थी जिसके कारण वहां जैन धर्म के कई साध्वी भी मौजूद रहे और उन्होंने इस मौके पर जैन धर्म के विचार को दुनिया ने कोरोना काल में किस तरह अपनाया इसका भी उदहारण पेश किया।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब दुनिया महामारी से लड़ रही थी और दुनिया के पास कोई विकल्प नहीं था। उस समय पर दुनिया के डॉक्टर ने जैन धर्म में अपनाई जाने वाली परम्परा को ही ग्रहण करने का निर्देश दिया जिससे कोरोना से खुद को बचाया जा सकता था।

दरअसल, कोरोना में गर्म पानी, मुहं पर मास्क,साफ़ सफाई और समय-समय पर हाथों को धोते रहने की हिदायत दी गयी थी, जिसे अभी भी अपनाया जा रहा है और जैन में ये एक परम्परा के तौर पर सालों से अपनाया गया है।

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हुआ नाम

ISBM University के चांसलर Vinay Agrawal ने इस कला को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करवाकर दुनिया के सामने भक्ति की भी मिसाल पेश करवाई है। इसे साथ ही ये कला ये भी संकेत देती है कि अगर हम किसी आस्था में और अपने काम में पूरे मन और लगन से काम करते है तो हमे दुनिया में पहचान बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।

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Edited By

Yashodhan Sharma

First published on: Nov 05, 2022 06:18 PM

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