CRPF Raising Day: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 84वें सीआरपीएफ दिवस पर शनिवार को छत्तीसगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने सीआरपीएफ कर्मियों के योगदान को जमकर सराहा। अमित शाह ने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि पहली बार नक्सली इलाके में सीआरपीएफ के वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन सीआरपीएफ कोबरा की 201वीं बटालियन के करनपुर शिविर में किया गया। कार्यक्रम में मौजूद अमित शाह ने कहा कि पहली बार नक्सली इलाके में सीआरपीएफ दिवस मनाया जा रहा है। सीआरपीएफ ने देश की आंतरिक सुरक्षा में योगदान दिया है। राष्ट्र महिला सीआरपीएफ कर्मियों को सलाम करता है। सीआरपीएफ का योगदान महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीआरपीएफ ने देश में पिछले चुनावों के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। सीआरपीएफ ने नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और देश के कई इलाकों में उन्हें ढेर किया है। उन्होंने आगे कहा, “लोकतंत्र तभी जीवित रह सकता है जब इसे विश्वसनीय तरीके से संरक्षित किया जाए। अन्य सीएपीएफ के साथ-साथ देश में शांतिपूर्ण चुनाव कराने में सीआरपीएफ का योगदान आवश्यक है।”
#WATCH | Jagdalpur, Chhattisgarh: Union Home Minister Amit Shah on the occasion of 84th CRPF Day paid tribute to CRPF personnel who sacrificed their lives in the line of duty. pic.twitter.com/FXCrlrHIce
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) March 25, 2023
उन्होंने कहा, “पिछले कई चुनावों में सीआरपीएफ कर्मियों ने हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुरक्षित रूप से संचालित करने की जिम्मेदारी निभाई है।” बता दें कि अमित शाह के नक्सल प्रभावित बस्तर के दौरे से एक दिन पहले यानी शुक्रवार को नक्सल विरोधी अभियान में शामिल सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली। सुकमा क्षेत्र में दो महिलाओं समेत 16 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
सरेंडर करने वालों में 8 लाख तक के ईनामी नक्सली शामिल
आत्मसमर्पण करने वाले कई सशस्त्र माओवादियों के सिर पर 8 लाख से 5 लाख रुपये तक का इनाम था और दो की पहचान चिंता गुफा और पोलमपल्ली तोंगपाल के रूप में की गई, जो क्षेत्र के विभिन्न पुलिस थाना क्षेत्रों में सक्रिय थे। सूत्रों के अनुसार माओवादी सरकार के विकास कार्यों और सुकमा जिले के अंदरूनी इलाकों में शिविरों के निर्माण से प्रभावित बताए जा रहे हैं।
सभी नक्सली अलग-अलग बड़ी घटनाओं में शामिल थे और उन्होंने जिला पुलिस, सीआरपीएफ की 74वीं कोर, 131वीं कोर और इलाके में तैनात 226वीं कोर के सामने सरेंडर किया था। एडिशनल एसपी किरण चव्हाण और कमांडेंट सीआरपीएफ 74वीं बटालियन डीएन यादव ने आत्मसमर्पण की पुष्टि की। इससे पहले गुरुवार को कोट्टालेंद्र के कोंटा थाना क्षेत्र के जंगलों में मुठभेड़ के बाद पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 4-5 घायल हो गए।