Bilaspur Self-Help Groups Women Waste Management: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार द्वारा प्रदेश और यहां लोगों के विकास के लिए लगातार काम किया जा रहा है। सीएम विष्णुदेव साय का मानना है कि किसी भी प्रदेश का विकास महिलाओं के सशक्त हुए बिना नहीं हो सकता है। इसलिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेशे महिला सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। इसके अलावा स्वसहायता समूह में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जा रहा है। स्वसहायता समूह से जुड़ कई महिलाओं ने अपनी और अपने आसपास वाले लोगों की जिंदगी को बदला है। इसका एक शानदान उदाहरण बिलासपुर जिले से सामने आया है। यहां बिल्हा विकासखंड के ग्राम डोड़की में स्वसहायता समूह की महिलाएं वेस्ट मैनेजमेंट कर अपने आसपास के इलाकों को स्वच्छ रखने का काम कर रही हैं।
रायपुर : कचरा प्रबंधन कर गांव को स्वच्छ बना रही स्वसहायता समूह की महिलाएं
---विज्ञापन---ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के साथ जैविक खाद भी बना रहा समूह
बिलासपुर में समूह की महिलाएं कर रही वेस्ट मैनेजमेंट का काम, सलाना कर रही मोटी की कमाई pic.twitter.com/1cTGxegBDQ
---विज्ञापन---— Pooja Mishra (@PoojaMishr73204) September 18, 2024
कचरों का शानदार मैनेजमेंट
ग्राम डोड़की में स्वसहायता समूह की महिलाएं क्षेत्रों को स्वच्छ रखने कचरों का शानदार मैनेजमेंट कर रही है। समूह की महिलाएं वेस्ट मैनेजमेंट से जैविक खाद बनाने का अहम काम कर रही हैं। राज्य सरकार की तरफ से दिए जा रहे सहयोग से समूह की महिलाओं के जीवन में आर्थिक और नैतिक सुधार देखने को मिल रहा है। अब महिलाएं अपने परिवार की जिम्मेदारियों निभाते हुए राज्य के निर्माण में भी अपना योगदान दे रही हैं।
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सलाना कर रही मोटी की कमाई
ग्राम डोड़की के जय मां अम्बे समूह की महिलाओं ने बताया कि गांव में मनरेगा के अंतर्गत SLWUM शेड, नाफेड और वर्मी टैंक का निर्माण किया गया है। इन सभी कामों के लिए मनरेगा से 10.29 लाख रुपये मंजूर हुए थे। SLWUM शेड के जरिए से ठोस और तरल अपशिष्ट के रूप में निकलने वाले कचरे को मैनेज किया जा रहा है। इन करचों को समूह की महिलाएं अपने तिपहिया गाड़ी में घर-घर घूमकर इकट्ठा करती है और शेड में लाकर इन कचरों का खाद बना रही हैं। वहीं प्लास्टिक जैसे ठोस कचरों बेच से समूह को सालाना 30 हजार से 40 हजार रुपये तक की आमदनी हो जाती है।