Chhattisgarh Naxal Attack : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में हुए माओवादी विस्फोट में आठ सुरक्षाकर्मी मारे गए। इस घटना के बाद एक बार फिर नक्सलियों के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। इस घटना के बाद सीएम विष्णु देव साय ने कहा था कि ये कायराना हरकत है, नक्सली बौखलाएं हुए हैं। अब बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि विस्फोट में मारे गए आठ में पांच पूर्व में नक्सली थे और बाद में पुलिस में शामिल हुए थे।
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि विस्फोट में मारे गए जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के हेड कांस्टेबल बुधराम कोरसा और कांस्टेबल डूम्मा मरकाम, पंडरू राम एवं बामन सोढ़ी तथा बस्तर फाइटर्स के कांस्टेबल सोमडू वेट्टी पहले नक्सली के रूप में सक्रिय थे। इन सभी ने नक्सल विचारधार को छोड़कर आत्मसमर्पण किया था और फिर पुलिस में शामिल हुए थे।
बीजापुर के दो, दंतेवाड़ा के तीन जवान
हेड कांस्टेबल बुधराम कोरसा और बामन सोढ़ी बीजापुर जिले के मूल निवासी थे, जबकि तीन अन्य पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले के निवासी थे। पुलिस महानिरीक्षक ने यह भी बताया है कि बस्तर क्षेत्र (जिसमें सात जिले शामिल हैं) में 792 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था।
Chhattisgarh CM .@vishnudsai gives shoulder to mortal remains of DRG jawans who lost precious lives in yesterday’s cowardly Naxal attack.
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Such support pulls up morale of security forces. In contrast, CONgress mourns when Naxals are e£iminated & calls it शहादत! pic.twitter.com/HcFQbsurfW
— BhikuMhatre (@MumbaichaDon) January 7, 2025
बता दें कि माओवादियों ने सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे एक वाहन को विस्फोटक से उड़ा दिया था। इस विस्फोट में कुल आठ जवानों की जान गई थी। इसमें राज्य पुलिस के डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के चार-चार जवान और एक नागरिक शामिल था, जो गाड़ी चला रहा था। यह पिछले दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलों पर सबसे बड़ा हमला था।
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गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे के 19 दिनों बाद नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है। 15 दिसंबर को गृह मंत्री रायपुर आए थे। पुलिस परेड ग्राउंड में राष्ट्रपति पुलिस कलर अवार्ड कार्यक्रम में शामिल होने के बाद बस्तर गए थे। रायपुर में गृह विभाग के अधिकारियों के साथ उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ अभियान को गति देने की रणनीति बनाई थी। पुलिस परेड ग्राउंड में गृहमंत्री शाह ने कहा था कि देश से 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा। उनके इस बयान और दौरे के बाद नक्सलियों ने बड़ी घटना को अंजाम देकर प्रशासन को चुनौती दी है।