Chhattisgarh Industry Minister Dewangan: नई दिल्ली के जनपद रोड स्थित डॉ अंबेडकर ऑडिटोरियम में इंडियन चैंम्बर ऑफ बिजनेस एंड कॉमर्स की तरफ से एनुअल ग्लोबल समिट का आयोजन किया गया। ग्रामीण इकॉनामिक फोरम और भारत सरकार के MSMEs मंत्रालय द्वारा आयोजित एनुअल ग्लोबल समिट में छत्तीसगढ़ के वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन भी शामिल हुए। उनके साथ प्रतिनिधि मंडल के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुआ। इस मौके पर मंत्री देवांगन ने देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और कृषि पर आधारित उद्योगों पर फोकस करने की बात कही है।
धान के कस्टम मिलिंग के लिए निरंतर उठाव का काम जारी है। राज्य में अब तक 108 लाख 3 हजार मीट्रिक टन धान को उठाया गया है। राज्य सरकार द्वारा अब तक किसानों से 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर रिकार्ड खरीदी की जा चुकी है।
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क्या बोले उद्योग मंत्री देवांगन?
मंत्री देवांगन ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक कृषि आधारित राज्य है, इसीलिए इसे धान का कटोरा कहते है। इस समय छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत हिस्सा वनों से भरा हुआ है। ऐसे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए जाहिर है कि कृषि और वन की अहम भागीदारी रहेगी। इसके साथ मंत्री देवांगन ने यह भी कहा की प्रदेश की नई औद्योगिक नीति में कृषि उद्यानिकी और वनों पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रवधान रखा गया है।
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कैसी है छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति?
मंत्री देवांगन ने बताया कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति के जरिए से प्रदेश के किसानों को और आदिवासी अंचल में रहने वाले लोगों को सीधा सरकारी योजनाओं का लाभ मिल जाएगा। मंत्री देवांगन ने आगे बताया कि प्रदेश के कृषि उत्पादन का मूल्य में उचित वृद्धि हो सकेगी। वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि MSMEs मंत्री नारायण राणे ने कहा कि आने वाला समय विकास का समय है। इसे ध्यान में रखकर नीति बनानी होगी।