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बीवी के साथ ‘एक सेल्फी’ ने 1 करोड़ के नक्सली का किया काम तमाम, सुरक्षाबलों को ऐसे मिली सफलता

Chhattisgarh Gariaband Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। टॉप माओवादी कमांडर चलपति मारा जा चुका है। उसकी मौत के पीछे एक वजह सामने आई है, जिसके कारण जवानों को उसका पता चल गया।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Jan 22, 2025 21:47
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Chalapati

Chhattisgarh Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पिछले 3 दिन से सुरक्षाबलों और नक्सलियों में मुठभेड़ चल रही है। रुक-रुककर फायरिंग जारी है। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने नक्सली जयराम रेड्डी उर्फ चलपति को मार गिराने में सफलता हासिल की है। चलपति भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के टॉप-7 लीडर्स में शामिल था। वह हर समय अपने साथ 10-12 गनमैन लेकर चलता था, जिनके पास अत्याधुनिक हथियार होते थे। पत्नी के साथ एक सेल्फी ने सुरक्षाबलों को उस तक पहुंचा दिया। ओडिशा-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर मुठभेड़ में वह मारा गया। चलपति बेहद शातिर था, जो 2008 में ओडिशा के नयागढ़ जिले में सुरक्षाबलों पर हुए हमले की अगुआई कर चुका था। इस हमले में 13 सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी।

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नक्सल विरोधी अभियान में शामिल एक सीनियर अफसर के अनुसार 15 फरवरी 2008 को जवानों पर हमला किया गया था। इसकी प्लानिंग शीर्ष माओवादी लीडर रामकृष्ण ने रची थी, जिसे चलपति के नेतृत्व में अंजाम दिया गया था। रामकृष्ण की मौत हो चुकी है। चलपति ने हमले के बाद पुलिसकर्मियों के हथियार लूटे थे। इसके बाद उसने नक्सलियों के नयागढ़ से भागने में मदद की थी। चलपति मूल रूप से आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले का रहने वाला था। वह मुख्त तौर पर ओडिशा और छत्तीसगढ़ में सक्रिय था। आंध्र प्रदेश में नक्सली गतिविधियां लगभग खत्म हो चुकी हैं।

जंगल में रचाई थी शादी

60 साल का चलपति 4 भाषाएं बोलने में माहिर था। उसे उड़िया, हिंदी, अंग्रेजी और तेलुगु भाषा बोलनी आती थी। वह पिछले काफी समय से बस्तर जिले के दरभा में छिपकर रह रहा था। उसे घुटनों की समस्या थी, जिसकी वजह से चल नहीं पाता था। चलपति प्रतिबंधित पीपुल्स वार ग्रुप (PWG) का हिस्सा भी रह चुका है, जो कई बार दक्षिणी राज्यों में हमले कर चुका है। चलपति की दोस्ती जंगल में आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी (AOBSZC) की डिप्टी कमांडर अरुणा उर्फ चैतन्या वेंकट रवि से हुई थी, जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली थी।

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वह सुरक्षाबलों की पकड़ से दूर था। चलपति की अपनी बीवी के साथ एक सेल्फी से पहचान हुई थी, जिसके बाद उसके ऊपर एक करोड़ का इनाम रखा गया था। एक फोन मई 2016 में आंध्र प्रदेश में माओवादियों से मुठभेड़ के बाद पुलिस को मिला था। उसमें यह सेल्फी थी। इसके बाद उसे पकड़ने के लिए प्रयास तेज हुए थे। इनपुट के बाद सुरक्षाबलों को उसकी मौजूदगी का पता लगा था। पुलिस के अनुसार चलपति के अलावा 15 और नक्सली भी हमले में मारे गए हैं।

 

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Jan 22, 2025 08:09 PM

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