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छत्तीसगढ़

डिप्‍टी सीएम को US ने नहीं दिया वीजा, 4 दिन बाद दिल्ली से खाली हाथ लौटे…जानें मामला

Chhattisgarh Deputy CM Arun Saw: एक प्रदेश के डिप्टी सीएम को रोड प्रोजेक्ट की बारीकियों का अध्ययन करने के लिए यूएस जाना था। लेकिन वीजा नहीं मिलने पर उनको बैरंग लौटना पड़ा। डिप्टी सीएम 4 दिन तक दिल्ली में डटे रहे। मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Aug 31, 2024 22:53
Chhattisgarh deputy cm

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव को अमेरिका दौरे पर जाना था। लेकिन उनको अमेरिका ने वीजा नहीं दिया। जिसके कारण उनका दौरा रद्द हो गया है। बताया जा रहा है कि उनके साथ पीडब्ल्यूडी विभाग के सचिव कमलप्रीत भी अमेरिका जाने वाले थे। जो साव के साथ चार दिन तक दिल्ली में रुके रहे। वीजा नहीं मिलने पर अब दोनों को रायपुर वापस लौटना पड़ा है। अमेरिका दौरे के लिए डिप्टी सीएम साव और उनके विभागीय सचिव 26 अगस्त को रायपुर से दिल्ली पहुंचे थे। अधिकारियों को उम्मीद थी कि उप मुख्यमंत्री के साथ उनके सचिव को अमेरिका वीजा जारी कर देगा। लेकिन 4 दिन की कोशिश के बाद भी वे लोग खाली हाथ रहे।

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गौरतलब है कि डिप्टी सीएम और उनकी टीम को एशियाई विकास बैंक की ओर से यूएस दौरे पर बुलाया गया था। यात्रा का मकसद छत्तीसगढ़ की सड़क परियोजनाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय तकनीकों का अध्ययन करना था। ताकि छत्तीसगढ़ में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को सुधारा जा सके। छत्तीसगढ़ लौटने के बाद डिप्टी सीएम 31 अगस्त को बिलासपुर में एक कार्यक्रम में नजर आए। यहां वे दीक्षांत समारोह में शिरकत करने आए गवर्नर और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवानी करते दिखे।

पीएम मोदी पर भी बैन लगा चुका अमेरिका

आपको बता दें कि 2005 में अमेरिका ने पीएम और तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का भी वीजा बैन कर दिया था। हालांकि पीएम बनने के बाद मोदी के ऊपर से बैन हटा लिया गया था। 2014 में मोदी जब अमेरिका गए तो तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनका जोरदार स्वागत किया था। अमेरिका ने माना था कि मोदी को वीजा नहीं देना एक दाग की तरह था। अमेरिका ने जो काम किया था, वह किसी और नेता के साथ नहीं हुआ था।

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बता दें कि 55 साल के साव अधिवक्ता से नेता बने हैं। जिनको साफ छवि का नेता माना जाता है। उन्होंने पहली बार छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम का पद संभाला है। वे लोरमी विधानसभा सीट से जीतकर आए हैं। उन्होंने कांग्रेस के थानेश्वर साहू को 45 हजार से अधिक वोटों से हराया था। वे सांसद भी रह चुके हैं। साव विपक्ष के निशाने पर भी अक्सर रहते हैं।

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First published on: Aug 31, 2024 10:53 PM

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