Chhattisgarh Appropriation Bill 2024-25: छत्तीसगढ़ विधानसभा में शून्यकाल के दौरान राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विनियोग विधेयक 2024-25 पेश किया, जिसे सदन में ध्वनि मत के साथ पारित किया गया। सदन में विनियोग विधेयक पर चर्चा के जवाब में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश की GSDP में 6.56 फिसदी की बढ़ोतरी अनुमानित है। इसी के साथ वित्त मंत्री चौधरी ने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-025 के लिए विनियोग का आकार 1,60,568 करोड़ रुपये का है।
प्रदेश के नगरीय निकायों में वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक स्वीकृत अप्रारंभ कार्यों को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में पुनः स्वीकृति के बाद प्रारंभ किए जा सकेंगे। (1/2)
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विधानसभा में विनियोग विधेयक पर चर्चा
विधानसभा में विनियोग विधेयक पर चर्चा जवाब देते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि किसी प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार उसके GSDP के जरिए निर्धारित होता है। इस वित्तीय वर्ष में छत्तीसगढ़ के GSDP को 6.56 प्रतिशत के साथ बढ़ाने का अनुमान रखा गया है। राज्य का विनियोग का आकार 1 लाख 60 हजार 568 करोड़ रुपये है। वहीं राज्य के सकल व्यय से कर्जों का भुगतान और पुर्नप्राप्तियों को घटाने के बात नेट एक्सपेंस को लेकर 1 लाख 47 हजार 446 करोड़ रुपये अनुमानित है। इसके अलावा राजस्व व्यय को लेकर 1 लाख 24 हजार 840 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 22 हजार 300 करोड़ रुपये अनुमानित है।
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विनियोग विधेयक पर क्या बोले वित्त मंत्री?
सदन में वित्त मंत्री ने पूरा एस्टीमेंट शेयर करते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ के स्वयं टैक्स के रेवेन्यू को 31 प्रतिशत वृद्धि के साथ 49 हजार 700 करोड़ रुपये करना अनुमानित है। वहीं, प्रदेश के नॉन-टैक्स रेवेन्यू को 3 प्रतिशत वृद्धि के साथ 18 हजार 700 करोड़ रुपये अनुमानित, इसी तरह से राज्य के टोटल टैक्स रेवेन्यू को 22 प्रतिशत वृद्धि के साथ 68 हजार 400 करोड़ रुपये अनुमानित है। इसके अलावा केंद्र सरकार से मिलने वाले सहयोग को 15 प्रतिशत वृद्धि के साथ 57 हजार 500 करोड़ रुपये अनुमानित है। इसके बाद वित्त मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश के टोटल एक्सपेंस के लिए 21 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1 लाख 47 हजार 446 करोड़ अनुमानित है। इसमें रायपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 776 करोड़ रुपये, बिलासपुर सिम्स के लिए 700 करोड़ रुपये और चिरमिरी रेल लाइन के लिए 120 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है।