Chhattisgarh Election: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है, जिसके साथ ही चुनावी रण जीतने के लिए पार्टियों ने अपने-अपने दांव आजमाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल पारित होने के बाद कांग्रेस ने प्रदेश में इस बार लगभग 25 प्रतिशत महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारने का लक्ष्य रखा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस इस बार 22 से अधिक महिलाओं को टिकट दे सकती है।
जबकि, बीजेपी ने अब तक घोषित अपनी 85 सीटों में 14 पर महिलाओं को 25 प्रतिशत महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारने का लक्ष्य रखा है 25 प्रतिशत महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारने का लक्ष्य रखा हैटिकट दिया है और बीजेपी बची पांच सीटों में संभवत: एक महिला को और मौका दे सकती है। यानी, कहें तो कांग्रेस-बीजेपी की अपेक्षा दोगुना महिला प्रत्याशी मैदान में उतारने की तैयारी में है।
2018 में कांग्रेस की 10 महिला प्रत्याशी हुई थीं विजयी
गौरतलब है कि कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने पिछले दिनों अपने प्रवास के दौरान बयान दिया था कि राज्य की सभी 11 लोकसभा सीटों पर दो-दो महिलाओं को टिकट मिलेगा। इस तरह देखा जाए तो 22 महिलाओं को टिकट मिलना लगभग तय है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 13 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था, जिनमें से 10 ने चुनाव में जीत हासिल की थीं। बीजेपी की बात करें तो, उसने 14 महिलाओं को मैदान में उतारा था, जिनमें से सिर्फ एक को जीत मिली थी। बता दें कि प्रदेश में महिलाएं शराबबंदी को लेकर हमेशा मुखर रही हैं। विपक्ष की नेत्रियां इस मुद्दे को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रही हैं और इस चुनाव में भी इसका असर दिखने के पूरे आसार हैं।
संख्या में हर साल हो रही बढ़ोतरी
विधानसभा चुनाव 2003 में प्रदेश में 62 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं। इसके बाद 2008 के चुनाव में यह संख्या बढ़कर 94 पहुंच गई तथा 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 115 महिला प्रत्याशियों के बीच मुकाबला था। वहीं, इस बार के विधानसभा चुनाव में यह संख्या 120 के पार होने की उम्मीद है। वहीं, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट-2022 के अनुसार, कुल सीटों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में वर्तमान में महिला विधायकों की भागीदारी देश के अन्य प्रदेशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है।