Jal Jeevan Mission Scheme In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के सुदूरवर्ती इलाकों में ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने की दिशा में हर तरह से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके उत्साहजनक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। गरियाबंद विकासखंड अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे ग्राम पंचायत बारूका से लगभग 11 किमी दूर जंगली रास्ते से पहाड़ी के ऊपर बसा हुआ है।
पहाड़ी में बसे होने के कारण इस गांव तक जाने के लिए चट्टानों और पथरीले रास्तों से गुजरना पड़ता है। वहां तक चार पहिया वाहन नहीं जा सकता। इस क्षेत्र में अक्सर हाथी, हिरण और कई अन्य जंगली जीव भ्रमण करते पाए जाते हैं। ऐसे दुर्गम स्थल में बसे गांव में भी शासन की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल जल कनेक्शन पहुंच गया है।
लोगों के घरों में नल के माध्यम से पीने का पानी मिल रहा है। इससे लोगों को काफी सहूलियत हो रही है। इससे पहले ग्रामीण पानी के लिए मौसमी नाला और झरना पर निर्भर रहते थे। कई बार मटमैला पानी को कई परत छानकर उपयोगी बनाकर पीने योग्य बनाते थे। हालांकि, प्रशासन ने ग्रामीणों के लिए कुछ दूरी पर एक हैण्डपंप लगाया गया था। जिससे पानी का उपयोग ग्रामीण करते थे।
हर घर नल पहुंचने से ग्रामीणों को मिला लाभ
विकट प्राकृतिक दशाओं के कारण गहन्दर में विद्युत की सुविधा नहीं पहुंच पाने के कारण जल जीवन मिशन के द्वारा सोलर स्थित नल जल योजना के तहत् हर घर में नल के साथ स्वच्छ जल पहुंचाया जा रहा है। इस गांव में विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के 11 परिवार निवास करते हैं। इनका मुख्य आजीविका का साधन वनोपज है।
यहां के सरपंच छत्रपाल कुंजाम ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि, ग्रामीण पहले बहुत तकलीफ से जुझ कर नाला से पानी लाया करते थे। यह परिश्रम उनके रोजाना जीवन का एक हिस्सा बन गया था।
शासन-प्रशासन द्वारा उठाए गए जनकल्याणकारी कदम से आज गांव में हर घर नल कनेक्शन दिया गया है। जिससे लोगों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने शासन-प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि, लोगों की समस्याओं को सुलझाने गंभीरता से काम किया गया, जिसका लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है।
अब घर पर हो रहा सब्जी का उत्पादन
गांव की रहने वाली संतकुमारी और जंयती बाई के घर नल लगने के बाद पहले जो बड़ी मेहनत और श्रम कर दूर गांव से सब्जी भाजी लेकर आते थे। अब वे बचत पानी का सदुपयोग करते हुए अपने-अपने घरों पर ही सब्जी-भाजी का उत्पादन कर उपभोग कर रहे हैं।
इससे महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में वृद्धि हो रही है। घर पर नल लग जाने के बाद अच्छा असर दिखाई दे रहा है। ग्रामीण बचत जल का उपयोग कर पौष्टिक आहारों का सेवन कर पा रहे हैं। जयंती बाई ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताया कि, अब उनके पारम्परिक कार्य भी अधिक लगन से कर पा रहे हैं।
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