Riya Philip Success Story: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की लड़की ने लाल आतंक और गरीबी को मात देकर सक्सेस का झंडा लहराया है। सुकमा में रहने वाले बस ड्राइवर की बेटी को लंदन के सरकारी अस्पताल में जॉब मिली है।
जानकारी के मुताबिक, सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित दोरनापाल की रहने वाली रिया फिलिप ने सफलता की नई कहानी गढ़ते हुए लाल आतंक के डर और भीषण गरीबी को पार कर लिया। रिया को लंदन के एक सरकारी अस्पताल में नर्स की नौकरी मिली है। रिया की उपलब्धि ने न केवल उसके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को गर्व से भर दिया है, बल्कि दूसरों को भी ऐसे ही सपने देखने के लिए प्रेरित किया है।
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प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं रिया की मां
रिया की मां शोली फिलिप एक निजी स्कूल में शिक्षिका हैं जबकि उनके पिता रितेश फिलिप उसी स्कूल में बस ड्राइवर हैं।जानकारी के मुताबिक, पहले रिया का परिवार दुब्बाटोटा गांव में रहता था। बाद में वे नक्सलियों के डर से दोरनापाल चले गए। बेहद तंगी में होने के बावजूद, शोली और रमेश ने अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा सुनिश्चित करने में अपना सब कुछ लगा दिया।
यह महसूस करते हुए कि उनके बच्चे अपनी पढ़ाई में रुचि ले रहे हैं, दंपति ने उन्हें बेहतर जीवन और भविष्य की तलाश में खुद को धकेलने का फैसला किया। रिया के पिता ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि हाई स्कूल की शिक्षा के सपने के साथ, रिया जगदलपुर चली गई और उसके बाद नर्सिंग की पढ़ाई करने के लिए बेंगलुरु चली गई। उसने दो साल तक मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में सेवा की। आख़िरकार रिया को लंदन से नौकरी का ऑफर मिला।
21 लाख रुपये है रिया का सलाना पैकेज
उन्होंने कहा कि यूनाइटेड किंगडम की यात्रा के लिए उनकी 3 लाख रुपये की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, हमें अपना घर गिरवी रखना पड़ा। उनके पिता ने आगे बताया कि अब उसके पास 21 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज वाली नौकरी है।
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