छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोन्टा क्षेत्र में हुए एक बड़े नक्सली हमले में राज्य के बहादुर पुलिस अफसर ASP आकाश राव गिरपून्जे शहीद हो गए। यह हादसा रायपुर से करीब 500 किलोमीटर दूर कोंटा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा गांव के पास हुआ, जब वह अपनी टीम के साथ नक्सलियों के हमले की जांच करने निकले थे। इसी दौरान सड़क पर पहले से बिछाए गए IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) में जबरदस्त धमाका हो गया। यह विस्फोट सुबह 9 बजे के आसपास हुआ। इस हमले में उनके साथ मौजूद DSP भानुप्रताप चंद्राकर, इंस्पेक्टर सोनल गवला सहित कई जवान घायल हो गए। हालांकि आकाश राव को सीधे धमाके की चपेट में आने की वजह से गंभीर चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके।
कौन थे आकाश राव गिरपून्जे?
आकाश राव गिरपून्जे रायपुर जिले के रहने वाले थे और 2013 बैच के छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) के अधिकारी थे। उन्होंने रायपुर के कालीबाड़ी स्कूल से पढ़ाई की थी। उनकी पहली पोस्टिंग DSP के तौर पर हुई थी। साल 2024 में ही उन्हें सुकमा जिले के कोन्टा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में तैनात किया गया था। वह एक निडर और साहसी अधिकारी माने जाते थे। मानपुर, मोहला और सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उनकी सेवाओं को हमेशा सराहा गया। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें “गैलेंट्री अवॉर्ड” से भी सम्मानित किया गया था। रायपुर ASP पश्चिम, SDOP पाटन और DSP मानपुर मोहल्ला जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी उन्होंने ईमानदारी और साहस से काम किया।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
शहीद आकाश राव गिरपून्जे का पार्थिव शरीर अब रायपुर लाया जा रहा है, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय, छत्तीसगढ़ शासन और उनके विभागीय साथियों ने उनके परिवार को सांत्वना दी है। उनके बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा। इस हमले में घायल हुए अन्य अफसरों DSP भानु प्रताप चंद्राकर और इंस्पेक्टर सोनल गवला को बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर अन्य अस्पताल में भेजा गया है। इस दुखद घटना ने पूरे छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग को झकझोर कर रख दिया है।
माओवादियों पर कड़ी कार्रवाई का संकल्प
सरकार और पुलिस प्रशासन ने इस हमले के बाद माओवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकल्प लिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, DGP और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। आकाश राव जैसे जांबाज अफसरों की शहादत से प्रेरणा लेते हुए नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई और तेज की जाएगी। आम लोगों से भी अपील की गई है कि वे नक्सलियों से डरने की बजाय पुलिस का साथ दें ताकि छत्तीसगढ़ को पूरी तरह से नक्सल मुक्त बनाया जा सके।