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CG: 14-15 नवंबर को बिरसा मुण्डा जयंती के अवसर पर होंगे बड़े आयोजन, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश

Birsa Munda Jayanti: भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में राज्य स्तरीय भव्य आयोजन किया जाएगा।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Nov 7, 2024 17:54
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Birsa Munda Jayanti: भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 14 और 15 नवंबर को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में राज्य स्तरीय भव्य आयोजन किया जाएगा।

विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और आदिम जाति विकास विभाग के सहायक आयुक्तों को सभी जरूरी तैयारी करने निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में इस साल जनजातीय गौरव दिवस को प्रदेश में व्यापक रूप से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

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उल्लेखनीय है कि जनजातीय गौरव दिवस, आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान और बलिदानों को सम्मानित करने तथा आमजन और भावी नागरिकों को उनके बलिदान से प्रेरणा लेने के लिए मनाया जाता है।

साल 2021 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 15 नवंबर को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में इसे जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया था, तभी से हर साल 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

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आयोजन को लेकर मिला निर्देश

राज्य स्तर पर जनजातीय गौरव दिवस के व्यापक आयोजन के संबंध में प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम आयोजन की जरूरी तैयारियों के संबध में निर्देशित किया गया है।

बोरा ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस का राज्य स्तरीय आयोजन 14 और 15 नवंबर को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में होगा। कार्यक्रम आदिम जाति विकास विभाग और आदिम जाति अनुसंधान के साथ-साथ प्रशिक्षण संस्थान के मुख्य निर्देशन में किया जायेगा।

बोरा ने बताया कि कार्यक्रम का थीम ’’सामाजिक, आर्थिक विकास, आजीविका और उद्यमिता, कला-संस्कृति एवं धरोहर, शिक्षा और कौशल विकास, स्वास्थ्य एवं जीवन शैली’’ है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों के हितों का संरक्षण और संवर्धन करना है।

इसमें राज्य के 17 विभाग और 25 योजनाओं को शामिल किया गया है। इस आयोजन में राज्य स्तर पर संचालन समिति के लिए प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है और क्रियान्वयन समिति मुख्यालय स्तर पर आयुक्त, आदिम जाति विकास की अध्यक्षता में 17 सदस्यीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य राज्य है जनगणना 2011 के अनुसार कुल जनसंख्या का लगभग 30.62 प्रतिशत आदिवासी निवास करते हैं। इसके अलावा राज्य में 43 प्रमुख जनजातियां एवं 162 उप जातियां हैं।

इस कार्यक्रम के माध्यम से जनजातीय महापुरूषों के कार्यों तथा बलिदान के गौरवपूर्ण स्मरण के साथ ही आदिवासियों के हितों का संरक्षण और इन्हें प्रोत्साहित करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए जिला स्तर पर भी कार्यकम आयोजित किये जाएंगे और स्टेट लेवल पर भी वृहद रूप से अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ सरकार ला रही नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी, 12 नवंबर को सीएम विष्णुदेव साय करेंगे लॉन्च

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Nov 07, 2024 05:45 PM

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