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बस्तर में तीन दिनों तक होगा Bird Survey, पिछले साल 201 प्रजातियों की हुई थी पहचान

Bird Survey In Kanger Valley National Park: बस्तर में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में बर्ड्स की काउंटिंग शुरू होने वाली है। यह पार्क 200 वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है। यहां आस-पास घना जंगल, झरने और कुटुमसर चूना पत्थर की गुफाएं हैं। यह काउंटिंग साइंटिफिक आधार पर होगी जिसके लिए 10 राज्यों में से 70 से ज्यादा साइंटिस्ट्स को बुलाया जाएगा।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 24, 2024 14:13
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Kanger Valley National Park Bird Survey
Kanger Valley National Park Bird Survey

Bird Survey In Kanger Valley National Park: बस्तर के जाने-माने कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में बर्ड्स की काउंटिंग होनी शुरू हो रही है। यह सर्वे कार्य 25 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा। यानी तीन दिनों तक बर्ड्स की काउंटिंग जारी रहेगी। आपको बता दें कि यह पार्क 200 वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है। यहां घना जंगल, झरने और कुटुमसर चूना पत्थर की गुफाएं हैं।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय पार्क के निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया कि कुल तीन दिनों तक बर्ड्स का सर्वे और काउंटिंग की जाएगी। यह साइंटिफिक आधार पर होगा और इसके लिए 10 राज्यों में से 70 से ज्यादा साइंटिस्ट्स को बुलाया जाएगा। यह पार्क बस्तर हिल मैना के लिए जाना जाता है।

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धम्मशील गणवीर ने यह भी बताया कि कांगेर वैली नेशनल पार्क में छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी यानी बस्तर हिल मैना की संख्या देखने को मिलती है। वहां 15 से ज्यादा गांवों में इस पक्षी को देखा जाता है। पिछले साल यानी 2023 में भी इसी तरह का सर्वे किया गया था जिसमें 201 बर्ड्स प्रजातियों की पहचान हुई थी जैसे जंगल फाउल, पहाड़ी मैना, रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो, कठफोड़वा पक्षी, ब्लैक-हुडेड ओरिओल, आदि।

उन्होंने आगे कहा कि 2023 की सर्वे रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों के लिए एक मुख्य केंद्र है। यह देश में बर्ड लवर्स के लिए हॉटस्पॉट की तरह उभर रहा है। इस सर्वे से पार्क में ज्यादा पक्षी प्रजातियों की पहचान करने और उनकी आदतों और संख्या का पता लगाने में मदद मिलेगी। जिससे उनके बचाव में मदद मिलेगी और इको-टूरिज्म के तहत नए आयाम भी शामिल होंगे। बर्ड काउंट इंडिया के सहयोग से आयोजित किए गए इस सर्वे में छत्तीसगढ़ के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना के 70 से ज्यादा बर्ड एक्सपर्ट और रिसर्चर जुड़े रहे हैं।

मैना मित्र योजना

धम्मशील गणवीर ने कहा कि कांगेर वैली नेशनल पार्क में मैना मित्र योजना शुरु की गई है। इसमें गांव के लोग और स्थानीय युवा सदस्य बनकर पक्षियों को बचाने के कामों में हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा, वन विभाग से जुड़े पर्यावरण विकास समिति के मेंबर्स भी इसमें मदद पहुंचा रहे हैं जिससे सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ प्रकृति को बचाने में सुधार हो रहा है।

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News24 हिंदी

First published on: Feb 24, 2024 02:13 PM

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