Wednesday, 24 April, 2024

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Chhattisgarh: आईपीएस मुकेश गुप्ता प्रमोशन मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, जानिए

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में IPS मुकेश गुप्ता के प्रमोशन के मामला में हाईकोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने राज्य शासन की याचिका स्वीकार करते हुए CAT जबलपुर के आदेश को निरस्त कर दिया है। बता दें, 2018 में मुकेश गुप्ता का ADG से DG पद पर प्रमोशन हुआ था, […]

Edited By : Yashodhan Sharma | Updated: Sep 29, 2022 14:01
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IPS Mukesh Gupta

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में IPS मुकेश गुप्ता के प्रमोशन के मामला में हाईकोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने राज्य शासन की याचिका स्वीकार करते हुए CAT जबलपुर के आदेश को निरस्त कर दिया है। बता दें, 2018 में मुकेश गुप्ता का ADG से DG पद पर प्रमोशन हुआ था, फिर 2019 में राज्य शासन ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को निरस्त कर दिया था। इसके बाद शासन के आर्डर को कैट ने निरस्त कर दिया था। HC चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में मामला लगा था।

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मुकेश गुप्ता ने शासन के आदेश के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण में केस लगाया था। कैट ने उनके पक्ष में आदेश दिया, और शासन के प्रमोशन निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। राज्य शासन ने कैट के इस फैसले को अवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मुकेश गुप्ता के पक्ष में आदेश दिया और कैट के फैसले को सही ठहराया था।

जानकारी दें, कि 6 अक्टूबर 2018 को आचार संहिता लगने के कुछ ही घण्टे पहले पूर्ववर्ती सरकार ने आदेश जारी कर आईपीएस मुकेश गुप्ता समेत अन्य दो आईपीएस को एडीजी से डीजी के पद पर प्रमोशन दे दिया था। फिर आर्थिक अनियमितता व गड़बड़ियों के चलते मुकेश गुप्ता को निलंबित कर उनका प्रमोशन निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद  मुकेश गुप्ता ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण( कैट) में अपील की थी, जहां उनके पक्ष में फैसला आया था और उनके प्रमोशन निरस्त करने के सरकार के आदेश को गलत माना गया था।

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राज्य शासन कैट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गई थी। यहां सिंगल बैंच में हुई सुनवाई में कैट के फैसले को सही ठहराया गया था। राज्य सरकार ने सिंगल बैंच के फैसले के खिलाफ डबल बैंच में अपील कर दी थी। इसके बाद चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी व जस्टिस दीपक तिवारी की डिवीजन बैंच में हुई सुनवाई में फैसला सुरक्षित कर लिया गया था, और बुधवार को फैसला सुनाया गया।

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First published on: Sep 28, 2022 05:16 PM

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