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Chhattisgarh: हाईकोर्ट ने 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण को किया असंवैधानिक करार, जानिए पूरा मामला

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 50 % से ज्यादा आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने 58 % आरक्षण को रद्द कर दिया है। मामला 2012 में राज्य सरकार द्वारा सरकारी […]

Author Edited By : Yashodhan Sharma Updated: Sep 19, 2022 14:01
Bilaspur High Court

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 50 % से ज्यादा आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने 58 % आरक्षण को रद्द कर दिया है।

मामला 2012 में राज्य सरकार द्वारा सरकारी नियुक्तियों समेत मेडिकल , इंजीनियरिंग व अन्य कॉलेजों में एडमिशन पर 58 % आरक्षण के फैसले से जुड़ा हुआ है।

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ये है पूरा मामला

बता दें, कि 2012 में तत्कालीन रमन सिंह की सरकार ने 58 % आरक्षण देने का फैसला किया था। लेकिन इस पर डॉ पंकज साहू व अन्य ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी, जिसमें कहा गया, कि 50 % से ज्यादा आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के खिलाफ और असंवैधानिक है।

सभी मामलों की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की डिविजन बैंच ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।

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इस पर सोमवार को फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया है कि 50% से ज्यादा आरक्षण का प्रावधान असंवैधानिक है। इसे रद्द करते हुए डिविजन बैंच ने याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है।

First published on: Sep 19, 2022 01:59 PM

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