बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी रणनीति को पहले से कहीं अधिक स्पष्ट और आक्रामक बनाया है। पार्टी इस बार ‘ट्रिपल एम’— मोदी, महिला और मंदिर के सहारे 243 सीटों वाली विधानसभा में 225 सीटों का लक्ष्य साध रही है।
मोदी, विकास और लोकप्रियता का चेहरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा की चुनावी रणनीति का सबसे मजबूत स्तंभ बने हुए हैं। बीते पांच महीनों में मोदी चार बार बिहार का दौरा कर चुके हैं और 15 जुलाई से 15 सितंबर तक उनके 9 दौरों की योजना बनाई गई है।इन दौरों में मोदी सरकार की केंद्र योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, हर घर जल, आयुष्मान भारत, और सड़क संपर्क के जरिए मतदाताओं से सीधा जुड़ाव स्थापित किया जा रहा है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि “केंद्र और राज्य सरकार ने युवा, महिलाएं, बुजुर्ग, किसान — हर वर्ग के लिए काम किया है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक विकास हुआ है।”
महिला सशक्तीकरण और योजनाओं की सौगात
बीजेपी इस बार महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए विशेष रणनीति अपना रही है। राज्य सरकार ने जीविका परियोजना से जुड़े दो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। स्वयं सहायता समूहों को 3 लाख तक के बैंक ऋण पर अब केवल 7% ब्याज देना होगा, जबकि पहले यह 10% था। जीविका से जुड़े कर्मियों का मानदेय दुगना कर दिया गया है। बिहार में महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35 फीसदी आरक्षण की सुविधा पहले से थी।अब सरकार ने इसमें डोमिसाइल नीति लागू कर दिया है मतलब अब केवल बिहार की महिलाओं को ही सरकारी नौकरी में 35 फीसदी का लाभ मिलेगा इसके साथ साथ सरकार ने संविदा पर बहाल होने वाली बिहार की महिलाओं को भी 35 फीसदी का आरक्षण देने की घोषणा की है।
हर पंचायत में विवाह भवन का निर्माण किया जाएगा, जिसका संचालन जीविका दीदियों के हाथ में होगा। महिलाओं के लिए राजधानी पटना के साथ राज्य के सात जिलों में पिंक बसों की सुविधा शुरू हो चुकी है।जिस बस में ड्राइवर और कंडक्टर भी महिलाएं ही रहेगी। बस की ड्राइवर के लिए महिलाओं को सरकार ट्रेनिंग भी देगी। बिहार के पंचायतों की चुनाव में आरक्षण की सुविधा पहले से ही है। इन फैसलों के ज़रिए सरकार यह संदेश देना चाहती है कि महिलाएं केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि योजनाओं की अगुवाईकर्ता भी हैं।
मंदिर, आस्था और संस्कृति का संगम
राम मंदिर निर्माण को हिंदुत्व की राजनीति में एक मजबूत आधार बनाने के बाद अब भाजपा बिहार में धार्मिक आस्था को केंद्र में लाने की रणनीति अपना रही है। इस बार फोकस है सीतामढ़ी में माता जानकी मंदिर के भव्य निर्माण पर। सरकार ने कैबिनेट से इस परियोजना के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को मंजूरी दे दी है। यह मंदिर बिहार में “राम से जनक तक” की सांस्कृतिक विरासत को जोड़ने का प्रयास है।
पंचायत स्तर तक तैयारी
इस “ट्रिपल एम” रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए पार्टी ने पंचायत स्तर पर कार्यकर्ता बैठकें आयोजित की हैं।गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं को मिशन 225 के लिए “विजय मंत्र” दिया है। मोदी का चेहरा,महिलाओं के लिए योजनाओं की भरमार,और मंदिर निर्माण के जरिए आस्था का आह्वान इन तीन M के सहारे बीजेपी 2025 के बिहार चुनाव में इतिहास रचने की तैयारी कर रही है। अब देखना यह है कि यह रणनीति वोटों में कितनी तब्दील होती है।
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