Telecommunication Department Issued New SOP: डिजिटल के दौर में साइबर अपराध की घटनाये और उससे जुड़ी चुनौतीयां भी काफी बढ़ गई है। साइबर अपराधियों के द्वारा हर दिन घटनाओ को अंजाम दिया जा रहा है। इस तरह से अपराध को रोकने के लिए साइबर क्राइम यूनिट भी लगातार काम कर रही है। इसी बीच एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि फर्जी अकाउंट और फर्जी कॉल जैसे साइबर क्राइम में सिम कार्ड की काफी बड़ी भूमिका है। इसलिए भारत सरकार के टेलिकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट ने सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
अब एक ID पर सिर्फ 5 सिम कार्ड
विभाग द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन के अनुसार, अब एक ग्राहक एक पहचान पत्र पर सिर्फ 5 सिम कार्ड खरीद सकता है। यही नहीं अब जांच एजेंसियो की रिपोर्ट पर फर्जी आईडी पर लिए गए सिम कार्ड और मोबाईल फोन को डी एक्टिव कर दिया जाएगा।
विभाग ने जारी किया SOP
इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट के DIG मानवजीत सिंह ढिल्लों के मुताबिक भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने 31 अगस्त 23 को दूरसंचार कंपनियों के लिए SOP जारी किया था। इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति अब एक ID पर पांच से ज्यादा सिम कार्ड नहीं ले पाएगा। DIG ने आगे कहा कि इससे पहले एक ही ग्राहक अपने आधार कार्ड पर कई सारे सिम कार्ड लेते है। इसके बाद सिम के जरिए आपराध को अंजाम देने के बाद सिम को तोड़ देते है। फिर दूसरे अपराध के लिए दूसरी सिम निकाल लेते हैं।
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विभाग की कार्रवाई
DIG ने आगे बताया कि ऐसा नहीं है कि इससे सिर्फ आर्थिक अपराध ही होते है। फोन के जरिए लड़की के साथ छेड़छाड़ भी की जाती है, उन्हें अलग-अलग नंबर से फोन करके परेशान किया जाता है। इसके अलावा फोन से लोगों धमकियां भी मिलती है। ऐसे में सभी साइबर क्राइम के खिलाफ विभाग की तरफ से ठोस और कारगर कार्रवाई की शुरुआत की गई है।
इस कार्यवाही के तहत आपराधियों के मोबाइल और सिम को तुरंत डी एक्टिव कर दिया जाएगा।
उन्होंने ये भी बताया कि कोई भी रिटेलर किसी कंपनी का सिम कार्ड एक से अधिक बेचता है और अगर वह फर्जी पाया जाता है तो वह रिटेलर जिस कंपनी का भी हो उसके एरिया मैनेजर पर कार्रवाई भी की जा सकती है।
पटना से अमिताभ ओझा की रिपोर्ट