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बिहार

EC ने तेजस्वी यादव के SIR संबंधी आरोपों को बताया भ्रामक और तथ्यहीन, RJD नेता ने चुनाव आयोग के ‘सूत्र’ पर दिया विवादित बयान

EC on Special Intensive Revision: बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर रविवार को महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। तेजस्वी यादव ने बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने SIR को 'सिर्फ दिखावा' करार दिया और आरोप लगाया कि यह पूरी कवायद वोटर लिस्ट से नाम हटाने की एक संगठित साजिश है। वहीं चुनाव आयोग ने तेजस्वी के आरोपों को भ्रामक और तथ्यहीन बताया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Jul 13, 2025 19:38
Election Commission, Tejashwi Yadav, Special Intensive Revision।
चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के मतदाता गहन परीक्षण (SIR) संबंधी आरोपों को बताया भ्रामक।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मतदाता गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर लगाए गए आरोपों को चुनाव आयोग ने खारिज करते हुए ‘भ्रामक और तथ्यहीन’ बताया है। आयोग ने तेजस्वी द्वारा दिए गए दो प्रमुख उदाहरणों की जांच कर स्पष्टीकरण जारी किया है। तेजस्वी यादव ने हाल ही में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो घटनाओं का उल्लेख किया था। पहली घटना पटना के कृष्णा घाट के समीप एक फ्लाईओवर की बताई गई, जहां कथित तौर पर गणना फॉर्म फेंके गए थे। दूसरी घटना जमुई जिले के सोनो प्रखंड की थी, जिसकी एक वीडियो क्लिप और अखबार की कटिंग भी तेजस्वी ने साझा की थी, जिसमें कथित रूप से फॉर्म पर ‘जलेबी’ खाते हुए दिखाया गया था। चुनाव आयोग द्वारा की गई विस्तृत जांच में इन दोनों ही मामलों को बेबुनियाद और भ्रामक करार दिया गया है।

पटना की घटना का खंडन

पटना जिला प्रशासन द्वारा कृष्णा घाट फ्लाईओवर स्थल पर जांच की गई, जिसमें कहीं भी गणना फॉर्म फेंके जाने या बिखरे मिलने की पुष्टि नहीं हुई। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि वीडियो में जो कागजात दिखाए गए हैं, वे निर्वाचन प्रपत्र नहीं हैं।

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जमुई की घटना की जांच रिपोर्ट

जमुई जिला प्रशासन ने वायरल वीडियो और मीडिया रिपोर्ट की जांच कर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। सहायक निर्वाचक निबंधन अधिकारी चकाई के अनुसार, जिस मतदान केंद्र (संख्या 20) का जिक्र वीडियो में किया गया था, वहां कुल 1181 मतदाताओं में से 1134 के फॉर्म पहले ही अपलोड हो चुके थे। शेष मतदाताओं में से 2 के फॉर्म ऑनलाइन प्राप्त हुए, 23 मतदाता मृत घोषित हो चुके हैं, 10 की दोहरी प्रविष्टि पाई गई और 12 मतदाता स्थाई रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सभी वैध मतदाताओं की जानकारी सिस्टम में सुरक्षित और अद्यतन है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘फॉर्म पर जलेबी खाने’ जैसी खबरें सोशल मीडिया पर भ्रामक रूप में फैलायी गई हैं। रिपोर्ट में ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला जो निर्वाचन प्रक्रिया में लापरवाही की पुष्टि करता हो।

चुनाव आयोग ने की ये अपील

आयोग ने राजनीतिक दलों और नेताओं से अपील की है कि वे सार्वजनिक मंचों पर जिम्मेदारी के साथ बयान दें और बिना पुष्टि के भ्रामक सूचनाएं फैलाने से बचें ताकि जनभागीदारी और निर्वाचन प्रक्रिया की पवित्रता बनी रहे। इस प्रकरण के बाद चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि मतदाता गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पारदर्शी और त्रुटिरहित रूप से पूर्ण हो, साथ ही किसी भी प्रकार की अफवाह या झूठे प्रचार पर त्वरित कार्रवाई हो सके।

चुनाव आयोग के ‘सूत्र’ को तेजस्वी ने बताया ‘मूत्र’

बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर रविवार को महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विवादित बयान दिया। उन्होंने चुनाव आयोग के सूत्रों को ‘मूत्र’ बता दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव से पूछा गया कि चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश के नागरिकों के नाम हैं। इसके जवाब में तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग खुद सामने आने की बजाय सूत्रों के हवाले से खबर प्लांट करवा रहा है। उन्होंने कहा कि ये वही सूत्र है जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्लामाबाद, लाहौर और कराची पर कब्जा कर चुके थे। इसलिए हम ऐसे सूत्र को मूत्र समझते हैं। मूत्र यानि ऐसा अपशिष्ट पदार्थ जो दुर्गंध फैलाता है।

First published on: Jul 13, 2025 07:36 PM

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