Tejashwi Yadav CM Face protejted INDIA BLOC: बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस और राजद अब डैमेज कंट्रोल में जुटी हैं। महागठबंधन की आज होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महागठबंधन का साझा घोषणा पत्र जारी किया जाएगा, साथ ही तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री चेहरे पर भी मुहर लगेगी. घोषणा पत्र में आर्थिक न्याय पर फोकस होने की बात कही गई है। साथ ही सयुंक्त चुनाव प्रचार की भी घोषणा की जाएगी। तेजस्वी यादव को बिहार में मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानना कांग्रेस के लिए जरूरी भी है और मजबूरी भी है। जानें, इसके पीछे की वजह
143 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी
महागठबंधन में 143 सीटों पर चुनाव लड़ रही तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है, पिछले चुनाव में आरजेडी 144 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और सबसे ज्यादा सीटें जीती थी। इस बार भी महागठबंधन को आरजेडी से सबसे ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद है। आरजेडी के मुख्य चेहरे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करना कांग्रेस की इसी रणनीति का हिस्सा है, क्योंकि तेजस्वी यादव को चेहरा बनाने से महागठबंधन को चुनावी लाभ मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा तेजस्वी यादव बिहार के युवाओं में एक लोकप्रिय चेहरा हैं, इसका लाभ भी बिहार चुनाव में महागठबंधन को मिल सकता है।

बड़ा नहीं चेहरा, गठबंधन हो गहरा
महागठबंधन में इस समय तेजस्वी यादव के बराबर का कोई बड़ा चेहरा नहीं है। बिहार में कांग्रेस के पास तेजस्वी के कद का कोई दूसरा चेहरा नहीं है। ऐसे में आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव को चेहरा बनाने से महागठबंधन को चुनावी लाभ मिलने की उम्मीद है। वहीं, तेजस्वी यादव की लोकप्रियता महागठबंधन को सत्ता में लाने में मदद कर सकती है, क्योंकि वह मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा आकर्षित कर सकते हैं। अगर कांग्रेस तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं मानती है तो महागठबंधन में दरार पड़ सकती है। ऐसा करने से गठबंधन कमजोर होगा और इसका असर चुनावों में दिख सकता है। बिहार में कांग्रेस के पास तेजस्वी के कद का कोई दूसरा चेहरा नहीं है। ऐसे में किसी और को आगे करने से महागठबंधन की ताकत कम हो सकती है।
समर्थकों का आधार एकजुट रहेगा
तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने से महागठबंधन के समर्थकों का आधार एकजुट रहेगा। आरजेडी के कोर वोट बैंक (मुस्लिम और यादव) के साथ कांग्रेस के परंपरागत वोट भी जुड़ेंगे, जिससे महागठबंधन को लाभ होगा। बिहार में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन का सामना करने के लिए महागठबंधन को एक मजबूत चेहरे की ज़रूरत है। तेजस्वी यादव को चेहरा बनाकर महागठबंधन बीजेपी के खिलाफ एक प्रभावी मुकाबले के लिए खड़ा हो सकता है।
कांग्रेस का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा
अगर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन जीतता है तो कांग्रेस का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा और बिहार में उसकी राजनीतिक ज़मीन मज़बूत होगी। हारने पर भी आरजेडी के साथ रहने से कांग्रेस की प्रासंगिकता बनी रहेगी।
कुल मिलाकर, कांग्रेस के लिए यह एक कड़ा फ़ैसला हो सकता है, लेकिन मौजूदा हालात में तेजस्वी यादव के नेतृत्व को स्वीकार करना ही सबसे तर्कसंगत विकल्प है। यह कांग्रेस के लिए बिहार की राजनीति में अपनी जगह बनाए रखने के लिए ज़रूरी भी है और मजबूरी भी।