Voter List Revision: बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनर्निरीक्षण (SIR) के मुद्दे को लेकर महागठबंधन ने गुरुवार को पटना में बिहार बंद का आयोजन किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव सहित अन्य घटक दलों के बड़े नेता शामिल हुए। बंद का मुख्य उद्देश्य राज्य निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपना और कथित रूप से असंवैधानिक ढंग से चल रहे मतदाता पुनरीक्षण पर आपत्ति दर्ज कराना था। चुनाव आयोग ने भी अपने ऑफिस मे तैयारियां कर लीं थी। लेकिन राहुल गांधी और तेजस्वी बीच चुनाव आयोग के ऑफिस गए ही नहीं। इस पर बीजेपी प्रवक्ता दानिश इकबाल ने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सिर्फ सेल्फी खिंचवाने आए थे। बिहार के लिए न तो उनके पास कोई विजन है और न ही कोई ठोस एजेंडा।
चुनाव आयोग ने कर लीं थीं तैयारियां
महागठबंधन का यह प्रदर्शन कई सवालों के घेरे में आ गया है। इनकम टैक्स गोलंबर से शुरू हुआ महागठबंधन का मार्च सचिवालय थाना के पास लगी बैरिकेडिंग पर आकर थम गया। तय कार्यक्रम के अनुसार प्रतिनिधिमंडल को राज्य निर्वाचन आयोग जाकर ज्ञापन देना था, लेकिन आयोग तक कोई नहीं पहुंचा। जबकि निर्वाचन आयोग कार्यालय में सुरक्षा सहित सभी तैयारियां पहले से की गई थीं। तेजस्वी यादव घर लौट गए और राहुल गांधी दिल्ली रवाना हो गए। पीछे रह गए आयोग के अधिकारी, जो महागठबंधन के प्रतिनिधिमंडल का इंतजार करते रहे।
दो धड़ों में बंटा महागठबंधन
पूरे मामले में कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने सफाई दी कि ज्ञापन पहले ही भेजा जा चुका था। गुरुवार का आयोजन प्रतीकात्मक था। वहीं, वीआईपी पार्टी के प्रवक्ता देवज्योति ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि सचिवालय के आगे बैरिकेडिंग लगाकर मार्च को रोका गया, इसलिए ज्ञापन वहीं मौजूद पुलिस अधिकारियों को सौंप दिया गया।
पूरी मार्च सिर्फ दिखावा- बीजेपी
मामले में बीजेपी प्रवक्ता दानिश इकबाल ने महागठबंधन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव आंदोलन में सिर्फ सेल्फी खिंचवाने आए थे। बिहार के लिए न तो उनके पास कोई विजन है और न ही कोई ठोस एजेंडा। यह पूरा मार्च सिर्फ दिखावा था। जिस मुद्दे को लेकर आंदोलन हुआ, वहां पहुंचने की भी ज़हमत नहीं उठाई।