बिहार की राजनीति में अक्सर अपने अनोखे और बिंदास अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले तेजप्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन, तेजप्रताप न सिर्फ जनसंपर्क अभियान में जुट गए हैं, बल्कि अपने बयानों से भी राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रहे हैं। तेजप्रताप ने न्यूज 24 से बातचीत में भाजपा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विरोधियों पर एक के बाद एक राजनीतिक तीर चलाए। उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि ‘कोई दुविधा नहीं है। बीजेपी सपने में जी रही है और नीतीश कुमार अचेत अवस्था में चले गए हैं।’
तेजस्वी को लेकर दिखा भाई प्रेम
राजेडी से निकाले जाने के बाद भी तेजप्रताप का पार्टी प्रेम खत्म नहीं हुआ है। तेजप्रताप ने मुख्यमंत्री पद को लेकर भी स्पष्ट संकेत दिया कि आने वाला समय किसका होगा। उन्होंने कहा कि अगले मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही बनेंगे। तेजस्वी को लेकर उन्होंने भावुक बयान देते हुए कहा, ‘तेजस्वी मेरा छोटा भाई है। उसे फंसाने वाले आज भी बहुत हैं, लेकिन मैं उसका हमेशा समर्थन करूंगा।’
भाजपा पर किया तीखा हमला
तेजप्रताप ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ‘बीजेपी में सब घिसा-पिटा चेहरा है, किसी में कोई क्वालिटी नहीं है। तेजप्रताप ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि बिहार में अपराधी शासन चला रहे हैं। तेजस्वी यादव के घर पर फायरिंग हुई, यह महाजंगलराज नहीं तो क्या है?’ तेजप्रताप यादव लगातार जनता दरबार लगा रहे हैं और अपने जनता दरबार का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग वहां आते हैं, उनकी ज्यादातर समस्याएं आपराधिक घटनाओं से जुड़ी होती हैं।
सीएम नीतीश कुमार पर साधा निशाना
तेजप्रताप ने सीएम नीतीश कुमार पर व्यंग्यात्मक हमला करते हुए कहा, ‘वृंदावन चले जाएं, यमुना नदी में डुबकी लगाएं, हमारे गुरुदेव के आश्रम में रहें। तेजस्वी यादव के बारे में कहा कि हमारे और उनके जयचंद्र एक ही हैं।’ उन्होंने खुद को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन की उपमा देते हुए कहा कि कृष्ण का साथ हमेशा अर्जुन पर रहेगा।
चुनाव लड़ने को लेकर नहीं किया खुलासा
सबसे दिलचस्प बात यह रही कि जब उनसे चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने रहस्य बनाए रखा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव जरूर लड़ेंगे, लेकिन कहां से और किस पार्टी से, इसमें अभी थोड़ा सस्पेंस रहने दीजिए। तेजप्रताप यादव का यह बयान न सिर्फ उनकी सक्रियता को दिखाता है बल्कि यह भी संकेत देता है कि वे आगामी चुनावों में न सिर्फ एक प्रचारक की भूमिका में रहेंगे, बल्कि खुद को भी गंभीर खिलाड़ी के तौर पर पेश करने जा रहे हैं। उनके बयान भले ही तीखे हों, लेकिन उनमें राजनीतिक रणनीति और पारिवारिक समर्थन की झलक साफ देखी जा सकती है। ऐसे में 2025 का चुनाव तेजस्वी और तेजप्रताप की जोड़ी के लिए निर्णायक मोड़ हो सकता है।