Rahul Gandhi Tejashwi Yadav rift: राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की जोड़ी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कितना कमाल दिखा पाएगी ये तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन फिलहाल दोनों पार्टियों में चुनाव बहिष्कार के मुद्दे पर कोई बात बनती नजर नहीं आ रही है। जब से तेजस्वी यादव ने चुनाव बहिष्कार की बात की है तब से कांग्रेस इस मुद्दे से किनारा करती नजर आ रही है।
एसआईआर के मुद्दे पर दोनों दलों में विरोध तक तो एकता दिखी लेकिन उसके बाद कांग्रेस का बयान एकदम अलग था। कांग्रेस ने चुनाव बहिष्कार को लेकर कहा कि हम इस मुद्दे पर विचार करेंगे और उसके बाद फैसला लेंगे। हमारे लिए सभी प्रकार के विकल्प खुले हैं। कांग्रेस नेता के हिसाब से देखें तो मन से साथ नहीं है। कुल मिलाकर कांग्रेस वोटों की चोरी का मुद्दा ठंडा नहीं पड़ने देना चाहती है क्योंकि वो राहुल गांधी के लिए उठाया गया मुद्दा है।
जातीय जनगणना को फ्रॉड बता चुके हैं राहुल
बिहार में राहुल गांधी का जातीय जनगणना वाला मुद्दा एक दम पूरी तरह गायब है। क्योंकि जातीय जनगणना हो चुकी है। हालांकि उसका क्रेडिट भी वे खुद ही लेते हैं। एक बार उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि मैंने जातीय जनगणना के लिए तेजस्वी यादव को बोला और नीतीश कुमार पर दबाव बनवाया। इसके अलावा राहुल गांधी बिहार की जातीय जनगणना को फ्रॉड भी बता चुके हैं।
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राहुल गांधी बिहार दौरे पर ये दावा कर चुके हैं कि वे जब सत्ता में आएंगे तो सही तरीके से जातीय जनगणना कराएंगे। इसका मतलब उन्हें तेजस्वी यादव के सत्ता में रहते हुई जातीय जनगणना गलत लगती है। हालांकि अब मोदी सरकार ने जातीय जनगणना का ऐलान कर यह मुद्दा लगभग खत्म ही कर दिया है।
एसआईआर ने आग में घी डाला
इस मुद्दे के खत्म होने के बाद राहुल गांधी ने वोट चोरी को मुद्दा बनाया इसके बाद चुनाव आयोग के एसआईआर वाले फैसले ने इसमें आग में घी डालने का काम किया। अब चुनाव आयोग ने पूरे देश में एसआईआर कराने का फैसला किया है। उधर संसद में केंद्र सरकार ने एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा से इनकार कर दिया है।
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