मुजफ्फरपुर से मुकुल कुमार की रिपोर्टः कहते हैं ‘इरादे नेक हों तो सपने भी साकार होते हैं ,यदि सच्ची लगन हो तो रास्ते आसां होते हैं’। ये कहावत मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) की बेटी रेणु पासवान ने यथार्त करके दिखाई है। उनका दुनिया की 100 सशक्त महिलाओं की सूची में नाम शामिल हुआ है। अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें मिलने के लिए दिल्ली बुलाया।
संघर्षों से भरी है रेणु की जिंदगी
मुजफ्फरपुर की रेणु का नाम आज दुनिया के 100 सबसे सशक्त महिलाओं की सूची में शुमार है, लेकिन ये नाम ऐसे ही शामिल नहीं हुआ है। रेणु की जिंदगी जंग और संघर्षों से भरी पड़ी है। किसी तरह मुजफ्फरपुर से इंटर की परीक्षा पास की तो घरवाले शादी कराने पर अड़ गए।
अपने प्रयासों से किया किया एमबीए
काफी प्रयास के बाद जब घरवाले नहीं माने तो थक हारकर रेणु ने घर छोड़ दिया। घर छोड़ने के बाद रेणु सीधे बंगलुरू पहुंचीं। जहां से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरा की। इसके बाद रेणु पूना गई, जहां से उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की। यहां से रेणु ने नारी उत्थान के लिए काम करना शुरू कर दिया।
पांच किताबें लिखीं
संघर्ष के दिनों में रेणु ने कुल पांच किताबें लिखीं, जिनका मुख्य आधार नारी उत्थान है। अपनी किताबों में एक नारी के बचपन से लेकर सामाजिक जीवन में आने वाली समस्याओं, सामाजिक कारणों से टूटते भविष्य समेत कई समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की गई है।
अपनी एक किताब THE NEW YOU में रेणु ने महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने पर चर्चा की है। स्वतंत्र रूप से महिलाओं को अपनी पहचान बनाने पर जोर दिया है।
चर्चाओं में आने के बाद राष्ट्रपति का आया बुलावा
रेणु के लागतार चर्चाओं में आने के बाद राष्ट्रपति के कार्यालय से उनको बुलावा आया है। बीते 24 दिसंबर को मुजफ्फरपुर की रेणु राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर अपने जीवन के तजुर्बे साझा किए।