बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में राजनीतिक पार्टियों के बयानबाजी का सिलसिला जारी है। इसी खबर आई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई को बिहार दौरे पर आएंगे। यहां वह पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करने के साथ करोड़ों रुपये के विकास प्रोजेक्ट की सौगात देंगे। लेकिन प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी के बिहार दौरे से पहले नीतीश सरकार और NDA पर जमकर वार किया है। उन्होंने कहा कि बिहार को मजदूरों की फैक्ट्री बना दिया गया है।
बिहार को बनाया मजदूरों की फैक्ट्री
प्रशांत किशोर ने कहा कि इस साल बिहार में चुनाव है, इसलिए वो आएंगे। लेकिन हम प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि वो बिहार की गरीब जनता के पैसे से अपना प्रचार न करें। उन्होंने पीएम से पूछा कि गुजरात को गिफ्ट (GIFT) सिटी, सोलर प्लांट, बुलेट ट्रेन और बिहार को श्रमिक ट्रेन दी जाती है, ऐसा भेदभाव क्यों? उन्होंने कहा कि जब तक बिहार में फैक्ट्रियां नहीं लगेंगी, तब तक हमारे युवा इन ट्रेनों में बैठकर दूसरे राज्यों में मजदूरी करने के लिए जाने को मजबूर हैं। वो बताएं कि बिहार में फैक्ट्रियां कब लगेंगी, बंद पड़ी चीनी मिलें कब चालू होंगी।
बेहतर शिक्षा व्यवस्था और रोजगार की जरूरत
इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने मीडिया के जरिए पीएम से सवाल किया कि मोदी जी ने 2015 में आरा की रैली में बिहार के लिए 1 लाख 25 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी। उनकी घोषणा को 10 साल हो गए हैं। मोदी जी बताएं कि उन्होंने राशि भेजी या नहीं। और अगर राशि भेजी तो वो बताएं कि बिहार में उनकी और जदयू की सरकार ने उस राशि को लूट लिया। उन्होंने कहा कि जन सुराज और प्रशांत किशोर का साफ कहना है कि बिहार को अब सिर्फ ट्रेन की जरूरत नहीं है, बिहार को अब बेहतर शिक्षा व्यवस्था और रोजगार की जरूरत है।
अपराध को लेकर सरकार पर निशाना
प्रशांत किशोर ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति कोई भी निर्णय लेने की नहीं है। दो-चार उगाही मंत्री और भ्रष्ट अधिकारी सरकार चला रहे हैं, इसलिए अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर है।
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सीएम नीतीश कुमार हैं जिम्मेदार
इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने बिहार में बढ़ते अपराध और हर दिन सड़कों पर हो रही गोलीबारी को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। नीतीश कुमार की मानसिक और शारीरिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे सरकार का नेतृत्व कर सकें। उनकी मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे कोई निर्णय ले सकें। सरकार को उनके मंत्रिमंडल के दो-चार उगाही करने वाले मंत्री और उनके कुछ भ्रष्ट अधिकारी चला रहे हैं, जिनकी जनता के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है। जिसके कारण राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर है।