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बिहार

पटना में मासूम भाई-बहन की हत्या : सवालों के घेरे में इंसानियत

पटना की सड़कों पर 15 अगस्त को दो बच्चों के शव एक कार में मिले हैं। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जल्द हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में होंगे। पढ़ें अमिताभ कुमार ओझा की रिपोर्ट

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Amit Kasana Updated: Aug 16, 2025 12:23

पटना की सड़कों पर 15 अगस्त की शाम ऐसा दर्दनाक मंजर सामने आया जिसने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। समस्तीपुर से रोज़गार की तलाश में राजधानी आए एक दंपत्ति को यह कभी नहीं लगा होगा कि जिस सपने को पूरा करने के लिए वे मेहनत मजदूरी कर रहे हैं, उसी सपने को चकनाचूर कर उनके बच्चों की मासूम लाशें उन्हें वापस गांव ले जानी पड़ेंगी।

गरीब माता-पिता अपने बेटे दीपक (5 साल) और बेटी लक्ष्मी (7 साल) को पढ़ा-लिखाकर आगे बढ़ाना चाहते थे। पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, जबकि मां आसपास के घरों में चौका-बर्तन करती हैं। लेकिन 15 अगस्त को इन दोनों बच्चों की ज़िंदगी पर ऐसा कहर टूटा, जिसने हर संवेदनशील इंसान को गमगीन कर दिया।

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कैसे हुआ दर्दनाक घटनाक्रम?

15 अगस्त की दोपहर लगभग 12:30 बजे दीपक और लक्ष्मी मोहल्ले की ही एक शिक्षिका इंदु देवी के घर ट्यूशन पढ़ने गए थे। शाम तक घर नहीं लौटे तो परिजनों की बेचैनी बढ़ी। मां किरण देवी ने बताया कि पहले तो शिक्षिका ने कहा कि बच्चे पढ़ाई के बाद घर लौट गए थे, लेकिन लंबी खोजबीन के बाद शाम करीब सात बजे दोनों बच्चों की लाश पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी रोड नंबर 12 स्थित एक बंद कार के अंदर से मिली।

दोनों के शव देखकर मौजूद हर शख्स सन्न रह गया। दीपक के शरीर पर जलने के निशान थे, मानो उस पर खौलता पानी या एसिड डाला गया हो। लक्ष्मी के शरीर पर भी चोट के निशान थे और उसका गला घोंटा गया था। परिजनों के अनुसार जब बच्चों को कार से निकाला गया, उस समय लक्ष्मी की सांसें चल रही थीं लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई।

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शिक्षिका ने क्या कहा?

न्यूज़ 24 से बातचीत में शिक्षिका इंदु देवी ने बताया कि वह पिछले चार महीने से इन बच्चों को पढ़ा रही थीं। उनके अनुसार 15 अगस्त को दोनों बच्चे करीब ढाई बजे अन्य बच्चों के साथ उनके घर से निकले थे। साढ़े तीन बजे जब बच्चों की मां ने उन्हें फोन कर पूछा कि बच्चे घर क्यों नहीं पहुंचे तो वह खुद भी उन्हें खोजने निकल गईं। देर शाम खबर मिली कि दोनों बच्चों की लाश एक कार में पड़ी मिली है।

परिवार पर टूटा दुख का पहाड़

पोस्टमार्टम के बाद माता-पिता अपने बच्चों की लाश लेकर गांव लौट गए। जिस उम्मीद से वे पटना आए थे, वही उम्मीद उनके लिए मातम बन गई। गांव में बच्चों की मौत की खबर पहुंचते ही मातम पसरा हुआ है। डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) मोहिबुल्ला अंसारी ने बताया कि मामले की जांच कई बिंदुओं पर की जा रही है। एफएसएल की टीम मौके से साक्ष्य जुटा रही है। बच्चों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।

इंसानियत के लिए सवाल

यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज की संवेदनाओं को झकझोर देने वाली है। आखिर इन मासूमों का कसूर क्या था? कौन इतनी हैवानियत पर उतारू था कि सात और पांच साल के दो मासूमों की जिंदगी को इस तरह खत्म कर दिया गया? यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है। पुलिस जांच के नतीजों का इंतजार है, लेकिन फिलहाल इस घटना ने पूरे पटना और बिहार को गहरे सदमे में डाल दिया है।

First published on: Aug 16, 2025 11:40 AM

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