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बिहार

खान सर को इतनी राखियां बांधी… रुक गया ब्लड सर्कुलेशन, बोले- पृथ्वी पर ऐसा सौभाग्य सिर्फ मेरे पास

रक्षाबंधन के अवसर पर पटना के लोकप्रिय शिक्षक खान सर को देशभर की करीब 5000 लड़कियों ने राखी बांधी। एस.के. मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में खान सर ने छात्राओं को बहन मानते हुए उनसे राखी बंधवाई और आशीर्वाद लिया। उन्होंने बताया कि राखियों की संख्या इतनी थी कि ब्लड सर्कुलेशन तक प्रभावित हुआ।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Aug 9, 2025 17:51
Patna Khan Sir
पटना खान सर (सोशल मीडिया)

रक्षाबंधन के पावन अवसर पर पटना के लोकप्रिय शिक्षक खान सर की भी खूब चर्चा होती है। इस मौके पर उन्हें हजारों लड़कियां राखी बांधती हैं। इतनी अधिक संख्या में लड़कियां उन्हें राखी बांधती हैं कि उनकी पूरी बांह भर जाती है। इस बार भी खान सर को हजारों लड़कियों ने राखी बांधी है। खान सर ने बताया कि राखी की संख्या इतनी अधिक थी कि उनके ब्लड सर्कुलेशन में भी परेशानी महसूस हुई।

हर साल की तरह इस बार भी पटना के खान सर ने हजारों लड़कियों से राखी बंधवाई है। बताया गया कि करीब 5 हजार लड़कियों ने उन्हें राखी बांधी है। राखी के अवसर पर पटना के एस.के. मेमोरियल हॉल में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जहाँ करीब 5 हजार लड़कियां पहुंची थीं। खान सर अपनी छात्राओं को बहन के रूप में मानते हैं, इन्हीं बहनों से राखी बंधवाकर उनका आशीर्वाद लिया।

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कार्यक्रम में खान सर की ओर से सभी के लिए भोजन की भव्य व्यवस्था की गई थी। 156 प्रकार के व्यंजन बनाए गए थे। स्वादिष्ट पकवानों के बीच भाई-बहन के रिश्ते का यह भावनात्मक मिलन और भी खास हो गया। खान सर के इस आयोजन ने न केवल भाई-बहन के अटूट रिश्ते को मजबूत किया, बल्कि सामाजिक सद्भाव और अपनत्व का सुंदर संदेश भी दिया।

मीडिया से बातचीत करते हुए खान सर ने कहा कि उनके हाथ में इतनी राखी है कि उनका ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो गया है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कुछ लड़कियों ने इतना कसकर राखी बांध दी थी कि उससे थोड़ी परेशानी हुई है। खान सर ने कहा कि बहुत दूर और हर राज्य से लड़कियां यहां आई हैं।

यह भी पढ़ें : मृतक भाई के हाथ में बांधी राखी, रक्षाबंधन के दिन छूटा भाई-बहन का साथ

खान सर ने बताया कि सभी लड़कियों से यही कहना चाहता हूं कि भारत का गौरव है रक्षा बंधन का त्योहार। हम सभी की अपनी संस्कृति को बचाकर रखने की नैतिक जिम्मेदारी है। हम भाग्यशाली हैं कि इस कलयुग में भी लाखों लड़कियों का प्रेम मिला है। यह सौभाग्य शायद इस पृथ्वी पर मुझे ही मिला है। मैं अपनी क्लास में लड़कियों को बहन मानकर पढ़ाता हूं।

First published on: Aug 09, 2025 05:47 PM

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