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बिहार

Bihar Election से पहले पूर्णिया के पप्पू थामेंगे जनसुराज का दामन, बन सकते हैं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष

Bihar Politics : जनसुराज पार्टी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा फिलहाल टल गई है। पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह, जो बीजेपी से दो बार सांसद रह चुके हैं, सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किए जा सकते हैं।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: May 18, 2025 23:46
Prashant Kishor, Jan Suraj Party।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर।

बिहार की राजनीति में नया विकल्प बनकर उभरी जनसुराज पार्टी को लेकर ताजा अपडेट सामने आया है। जानकारी के अनुसार, आज होने वाली जनसुराज पार्टी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान नहीं किया गया। जनसुराज इसके लिए सोमवार तक का इंतजार करेगी। सोमवार को पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह की बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में घोषणा की जा सकती है। इससे पहले रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी ‘आसा’ का प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज में विलय कर दिया।

प्रशांत किशोर ने क्या कहा?

इसके बाद आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जब 2015 में महागठबंधन में राजद और जदयू एकसाथ आई तो भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। प्रशांत किशोर ने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा के विजय रथ को इसलिए रोका जा सका था, क्योंकि तब लालू यादव और नीतीश कुमार से पहले प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह साथ आए थे। पीके ने कहा कि 2015 के चुनाव जिताने में मेरी भूमिका थी। वहीं, आरसीपी सिंह ने कहा कि 2010 में वो अधिकारी थे। उसके बाद नीतीश कुमार के साथ जदयू में आए और फिर केंद्रीय मंत्री भी बने। बाद में सवा साल भाजपा में भी रहे। इसके बाद अपनी पार्टी बनाई। निर्दलीय रहने से किसी का फायदा नहीं होता इसलिए जनसुराज के साथ जुड़ रहे हैं।

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राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं पप्पू सिंह

पार्टी सूत्रों की माने तो रविवार के प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनसुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष की भी घोषणा होनी थी, लेकिन किसी कारणवश जनसुराज अब सोमवार को इसकी घोषणा करेगी। बता दें कि जनसुराज पार्टी का संचालन शेखपुरा हाउस से हो रहा है। यह हाउस पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह का ही है।

कौन हैं पप्पू सिंह?

प्रशांत किशोर की पार्टी से जुड़े उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह भाजपा से दो बार सांसद रह चुके हैं। पूर्णिया लोकसभा सीट से 2009 से लेकर 2019 तक दो बार बीजेपी के टिकट पर सांसद रह चुके हैं। पप्पू सिंह बहुत बड़े व्यवसायी हैं। उनका कारोबार पूर्णिया ही नहीं बल्कि पूरे देश में चलता है। पूर्व सांसद पप्पू सिंह की एक अलग पहचान समाजसेवी और व्यवसायी के रूप में भी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनके पास 1000 करोड़ से ऊपर की संपत्ति है। उनकी चर्चा एक खास वैनिटी वैन को लेकर भी हुई थी, जिसे उन्होंने 2011 में शौक के लिए खरीदा था। यह वही वैनिटी बैन है, जिससे अब प्रशांत किशोर चलते हैं।

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पप्पू सिंह की मां भी रह चुकी हैं सांसद

पप्पू सिंह का पूरा परिवार पढ़ा-लिखा और राजनीति से जुड़ा रहा है। इनकी मां माधुरी सिंह भी कांग्रेस के टिकट पर दो बार 1980 से लेकर 1989 तक सांसद रह चुकी हैं। इंदिरा गांधी के निधन के बाद जब चुनाव हुआ था तो रिकॉर्ड मतों से माधुरी सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था। इनके बड़े भाई एनके सिंह आईएएस अधिकारी रह चुके हैं।

2019 में पप्पू सिंह ने छोड़ दी थी बीजेपी

पप्पू सिंह 2019 में बीजेपी से नाता तोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए। इसके बाद 2024 में उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। बताया जाता है कि खुलकर नहीं लेकिन अंदर से वह पप्पू यादव को सपोर्ट कर रहे थे। इसके चलते पप्पू यादव की पूर्णिया से निर्दलीय जीत भी हुई।

First published on: May 18, 2025 11:46 PM

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