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नीतीश कैबिनेट के फ्लोर टेस्ट से पहले बड़ा फेरबदल, राजभवन में बदली गई लीगल एडवाइजर की पूरी टीम

Bihar Politics: बिहार में नई सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले सरगर्मी तेज है। ताजा घटनाक्रम में राजभवन में लीगल एडवाइजर की पूरी टीम बदलने की जानकारी सामने आई है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Feb 11, 2024 14:03
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Bihar CM Nitish Kumar attending a meeting
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

अमिताभ कुमार ओझा, पटना

Bihar Politics : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के फ्लोर टेस्ट से पहले राजभवन में बड़ा बदलाव किया गया है। दरअसल, राजभवन में लीगल एडवाइजर की पूरी टीम को बदल दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के राज्यपाल के विधि सलाहकार की नई टीम में डॉ. कृष्ण नंदन सिंह को चीफ लीगल एडवाइजर नियुक्त किया गया है। बता दें कि नीतीश कुमार ने बीते दिनों विपक्षी महागठबंधन का साथ छोड़ते हुए भाजपा से हाथ मिलाया था और राज्य में फिर से सरकार बनाई थी।

इसके अलावा रंजन पाण्डेय को लीगल एडवाइजर सह रिटेनर और जनार्दन प्रसाद सिंह को एडिशनल कौंसुल बनाया गया है। राजभवन सचिवालय से इसकी अधिसूचना जारी की जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले राजभवन की लीगल एडवाइजर टीम में पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट वाईवी गिरी, आरके गिरी और राणा विक्रम सिंह  नियुक्त थे। बता दें कि प्रदेश में 12 फरवरी को नई सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है। इसमें सीएम नीतीश कुमार को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा।

राज्यपाल की भूमिका बढ़ सकती है

जानकार बताते हैं कि यह तब्दीली ऐसे समय में की गई है जब बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल का माहौल है। नीतीश कुमार को विधानसभा में बहुमत साबित करना है। जिस खेला की चर्चा चल रही है यदि वह सही साबित होता है और नीतीश सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो ऐसे में राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति बन जाएगी, जिसका विकल्प राष्ट्रपति शासन भी हो सकता है।

विधानसभा भंग कर सकते हैं नीतीश? 

इससे पहले राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने शनिवार को दावा किया था की नीतीश कुमार विधानसभा को भंग कर सकते हैं। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी को इसकी जानकारी मिली है कि इस बात की संभावना है कि फ्लोर टेस्ट के पहले नीतीश कुमार हार मान लें और विधानसभा भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से कर दें। हालांकि जदयू और भाजपा के नेताओं से इससे इनकार किया है।

राजद का दावा, तेजस्वी बनेंगे सीएम

टफ्लोर टेस्ट से पहले बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो रही है। सभी पार्टियां अपने-अपने विधायकों को बचाने की कोशिश में जुटी हुई हैं। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के साथ वाम दलों को अपने सरकारी आवास पर रोक रखा है। राजद के नेता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया है कि नीतीश बहुमत साबित ही नहीं कर पाएंगे और तेजस्वी यादव अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। नीतीश कुमार के कई विधायक हमारे संपर्क में बने हुए हैं।

कैसा है बिहार विधानसभा का गणित

243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 का है। इस समय एनडीए के पास कुल 128 विधायक हैं। इनमें से भाजपा के 78, नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के 45, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) के चार और अन्य एक विधायक है। वहीं, विपक्ष के पास 115 विधायक हैं। इनमें राजद के 79, कांग्रेस के 19 सीपीआई (एमएल) के 12, सीपीएम व सीपीआई के 2 और एआईएमआईएम का एक विधायक शामिल है। ऐसे में फ्लोर टेस्ट का रुख तो नीतीश के पक्ष में ही जाता दिख रहा है।

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First published on: Feb 11, 2024 11:40 AM

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