बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार को एक और बड़ा झटका लगा। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ सैकड़ों समर्थकों ने भी पार्टी छोड़ दी। आइए जानते हैं कि क्या है इसके पीछे की वजह?
बिहार के सीमांचल में जेडीयू को तगड़ा झटका लगा है। किशनगंज के जिला अध्यक्ष और पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने शनिवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उनके समर्थकों ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ नारे भी लगाए। संसद में वक्फ संशोधन बिल को समर्थन करना जेडीयू को भारी पड़ता नजर आ रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कई मुस्लिम नेताओं ने वक्फ एक्ट के खिलाफ पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
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दो बार विधायक रह चुके हैं मुजाहिद आलम
मुजाहिद आलम दो बार जिले की कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें किशनगंज से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस्तीफे की घोषणा के बाद आलम ने कहा कि उन्होंने 15 सालों से जेडीयू में कार्यकर्ता के रूप में काम किया। हम सभी नीतीश कुमार को सेक्युलर तथा विकास पुरुष के साथ मुसलमानों के हितैषी समझते थे, लेकिन उन्होंने वक्फ संशोधन कानून का समर्थन कर हम सभी को धोखा देने का काम किया है।
मुजाहिद आलम ने बीजेपी पर साधा निशाना
उन्होंने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अभी किसी पार्टी में जाने की कोई योजना नहीं है। फिलहाल, इस कानून का विरोध करना है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने कानून के खिलाफ याचिका दायर की है और उन्हें सर्वोच्च्य न्यायालय से न्याय की उम्मीद है। मुजाहिद आलम ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में झूठ बोला। शाह ने कहा कि इस वक्फ संशोधन कानून में कोई गैर मुस्लिम समुदाय के लोग नहीं होंगे, लेकिन जब बिल पास हुआ तो दो गैर मुस्लिम सदस्य का प्रवाधान बिल में पाया गया।
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