सौरभ कुमार पटना
Loksabha Election 2024: बिहार में लोकसभा की 40 में से दस सीटों पर कांग्रेस दावेदारी कर रही है। राजद से गठबंधन के साथ पिछली बार वह नौ सीटों पर लड़ी थी, जिसमें से एकमात्र किशनगंज में सफल रही थी। तब राजग के विरोधी गठबंधन को इसी एक सीट से संतोष करना पड़ा था। इसी दंभ पर कांग्रेस अपनी मांग आगे बढ़ा रही है। हालांकि, अभी बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में 16 सांसदों वाला जदयू भी है। कांग्रेस की पसंदीदा कुछ सीटों पर जदयू काबिज है तो कुछ पर वामदल भी दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में लालू-नीतीश का हस्तक्षेप स्वाभाविक है।
कटिहार, सुपौल,समस्तीपुर समेत कांग्रेस की दावेदारी
किशनगंज के साथ कटिहार, सुपौल, सासाराम, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, बेगूसराय, नवादा और पूर्वी चंपारण पर कांग्रेस की दावेदारी है। वाल्मीकिनगर, पूर्णिया, मुंगेर और पटना साहिब संसदीय क्षेत्र अब उसकी पहली पसंद नहीं रहे। इस बार की सूची में जुड़ने वाली मधुबनी, दरभंगा, नवादा, बेगूसराय और पूर्वी चंपारण पसंदीदा नई सीटें हैं। शेष पुरानी वाल्मीकिनगर के साथ कटिहार और समस्तीपुर पर माले की भी दावेदारी है।
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कांग्रेस फॉर्मूले को कर रही ध्वस्त
बेगूसराय पर भाजपा दावा कर रही है तो वही समस्तीपुर पर माकपा दावेदारी कर रही है। कांग्रेस को उसकी दावेदारी से लगभग आधे की हिस्सेदारी पर मना लेने का यह बढ़िया आधार होगा। दावेदारी का पहला आधार सामान्यत सीटिंग के साथ निकटतम मुकाबले वाली सीट होती है। अपनी सूची से इस बार कांग्रेस ही इस फॉर्मूले को ध्वस्त कर रही है। पिछली बार हारी हुई सभी आठ सीटों पर वह निकटतम प्रतिद्वंद्वी रही थी। उनमें से चार पर वह दावा ही नहीं कर रही।
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पूर्वी चंपारण पर अखिलेश की नजर
जिन नई सीटों पर कांग्रेस दावेदारी कर रही है, उनमें से नवादा और पूर्वी चंपारण को राजद अपने लिए अनुकूल पा रही है। पूर्वी चंपारण पर अखिलेश सिंह दावेदारी कर रहे हैं। दरभंगा में जदयू पहले से पसीना बहा रही है और मधुबनी का जातिगत समीकरण राजद को भाता है। ऐसी उलझन कमोवेश हर सीट पर है। बिहार कांग्रेस की यह दावेदारी कितनी मजबूत है और कांग्रेस बिहार में कितनी सीटों पर लड़ेगी यह देखना दिलचस्प होगा।