बिहार में पिछले 9 साल से अधिक समय से शराबबंदी लागू है लेकिन लगातार इस कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। ताजा मामला राजधानी पटना के जानीपुर थाना क्षेत्र का है। पटना के जानीपुर थाना क्षेत्र में स्थित एक होटल में शराब पार्टी और डांस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान पुलिस ने छापेमारी कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि तीनों पेशे से डॉक्टर हैं। यह घटना शनिवार रात की है। पुलिस ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि जानीपुर क्षेत्र स्थित नकटी भवानी के पास स्थित होटल में शराब पार्टी हो रही है, जिसमें बार-बाला मौजूद थी।
मौके से अंग्रेजी शराब की कई बोतलें बरामद
पुलिस ने मौके से अंग्रेजी शराब की कई बोतलें भी बरामद की हैं। पुलिस की कार्रवाई के बाद होटल में सन्नाटा छा गया। गिरफ्तार डॉक्टरों ने पुलिस के सामने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन जब उनकी एक न चली तो वे गिड़गिड़ाने लगे।
पुलिस ने गुप्त सूचना पर की कार्रवाई
जानीपुर थानाध्यक्ष बलबीर सिंह ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बुद्धा होटल में ‘होली उमंग’ के नाम पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में बार डांसरों को बुलाया गया था। इस कार्यक्रम में शराब पार्टी चल रही थी और अश्लील नृत्य किया जा रहा था। सूचना के आधार पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए होटल में छापेमारी की। शराब के नशे में बार डांसरों के साथ ठुमके लगाते हुए पकड़े गए लोगों को जेल भेज दिया गया है। हालांकि, कुछ अन्य लोग जिनके शराब पीने की पुष्टी नहीं हुई है उन्हें छोड़ दिया गया है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इस होटल में इस तरह के कार्यक्रम पहले भी आयोजित होते थे या नहीं और इसमें कौन-कौन शामिल था।
होली के मद्देनजर पुलिस ने चलाया अभियान
पटना पुलिस ने होली के मद्देनजर शराब कारोबारियों और शराब पीने वालों के खिलाफ अभियान चला रखा है। इसके लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किए गए है। जिससे पुलिस को शराब से जुड़े कई इनफार्मेशन मिल रहे है। पटना एसएसपी अवकाश कुमार ने बताया कि स्पेशल टीम लगातार हर इनफार्मेशन पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच डीएसपी फुलवारीशरीफ कर रहे हैं।
गिरफ्तार डॉक्टरों की हुई पहचान
गिरफ्तार किए गए तीनों डॉक्टरों की पहचान हो गई है। इनमें से दो समस्तीपुर जिले के दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों के हैं, जबकि तीसरा सारण जिले के निवासी हैं। इनमें अजय कुमार, पिता ललन प्रसाद समस्तीपुर के मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के सार फतेहपुर बात्ता के निवासी हैं और पटना में एक निजी अस्पताल चलाते हैं। वहीं, रणविजय कुमार, पिता रामनंदन महती भी समस्तीपुर के पंजाबी कॉलोनी के निवासी हैं जबकि संदीप यादव, पिता रामनयन यादव छपरा जिले के रिविलगंज थाना के साठ-समबुद्धीन-पुर के निवासी हैं।
क्या है शराबबंदी कानून?
बता दें कि बिहार में पिछले 9 सालों से पूर्ण शराबबंदी है। जो लोग शराबबंदी कानून को तोड़ते हैं उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है। अब तक इस मामले में कई लोगों को जेल की सजा हुई है। बिहार में शराबबंदी कानून के तहत 10 साल की सजा को कम करके 5 साल कर दिया गया था। अप्रैल 2022 में इस कानून में एक बड़ा बदलाव किया गया, जिसके तहत पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने वाले लोगों के लिए 2000 से 5000 रुपये तक जुर्माना भरकर सजा से बचने का प्रावधान दिया गया है। इसके पहले लोगों को सीधे जेल की सजा होती थी।