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बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा, 500 से ज्यादा अभ्यर्थियों पर FIR, जानें कैसे हुआ खुलासा

Bihar Paper Leak : बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा के 500 से अधिक अभ्यर्थियों पर केस दर्ज किया गया है। नौकरी लेने के लिए माफियाओं से सेटिंग करने की बात सामने आई है। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इस धांधली को पकड़ा है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 10, 2025 19:16
fraud in Bihar constable recruitment exam
सांकेतिक तस्वीर।

अमिताभ ओझा, बिहार।

बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। इस मामले के उजागर होने के बाद हड़कंप मच गया है। फर्जीवाड़ा करके नौकरी पाने की कोशिश करने वाले 563 अभ्यर्थियों के खिलाफ पटना के सचिवालय थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है। ये वैसे अभ्यर्थी हैं, जो इस परीक्षा में शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि सिपाही बहाली में नाम बदल कर एक से अधिक बार परीक्षा में बैठने वाले इन अभ्यर्थियों की पहचान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से की गई।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से धांधली को पकड़ा

केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इस धांधली को पकड़ा है। नाम और फोटो के आधार पर फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों की पहचान की गई। कई ऐसे आरोपी अभ्यर्थी हैं जिन्होंने दो या दो से अधिक बार सिपाही भर्ती की परीक्षा दी। साथ ही कई ऐसे आरोपी अभ्यर्थी हैं, जिनके पते और पिता का नाम एक है। अभ्यर्थी के नाम में मामूली बदलाव करके परीक्षा में बैठे, यानी एक ही अभ्यर्थी दो अलग-अलग नामों से आवेदन कर लिखित परीक्षा में शामिल हुए। ऐसे भी मामले आए हैं, जिसमे अपनी जगह दूसरे को परीक्षा में बैठाया गया। इन मामलों में उनका बायोमेट्रिक मिलान पूरी तरह नहीं हो पाया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से वे पकड़ में आ गए। अब इस मामले में पटना के सचिवालय थाने में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।

21391 सिपाहियों की बहाली से जुड़ा है मामला

बता दें कि यह पूरा मामला विज्ञापन संख्या 1/2023 के तहत बिहार पुलिस में 21391 सिपाहियों की बहाली से जुड़ा हुआ है। बिहार पुलिस में सिपाही के लिए 21,391 पदों पर वैकेंसी निकाली गई थी। इसके लिए कुल 17,87,720 आवेदन आए थे। सिपाही बहाली के लिए लिखित परीक्षा अगस्त 2024 में ली गई थी। यह परीक्षा अलग-अलग चरणों में हुई थी। 9 दिसंबर से शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित की गई थी।

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7 अप्रैल को किया गया था मामला दर्ज

पटना के सचिवालय थाने में केद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) की प्राथमिकी शाखा की प्रभारी एसआई अमृता प्रियदर्शनी ने 7 अप्रैल को केस दर्ज कराया है। जिन लोगों पर केस हुआ है वे भागलपुर, मुंगेर, गया, लखीसराय, बांका, बेगूसराय, मधुबनी, जमुई, सिवान, मधेपुरा, समस्तीपुर, रोहतास, नालंदा, वैशाली आदि जिलों के रहनेवाले हैं। इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी करने, जाली दस्तावेज बनाने और जमा करने, आपराधिक षडयंत्र रचने और पिछले साल बने बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकधाम) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पहले हुआ था 240 अभ्यर्थियों के खिलाफ मामला दर्ज

सिपाही बहाली की शारीरिक परीक्षा के दौरान भी ऐसे मामले सामने आये थे। इस दौरान 240 अभ्यर्थियों के खिलाफ गर्दनीबाग थाने में 7 मार्च को भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। बिहार के कई जिलों के अभ्यर्थियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। ज्यादातर मामले में दूसरे के बदले परीक्षा देने का मामला सामने आया था। पटना के सचिवालय थाना में दर्ज इस कांड की जांच डीएसपी सचिवालय अनु कुमारी को दिया गया है।

परीक्षा माफियाओं ने की थी सेटिंग

इतनी बड़ी संख्या में गलत तरीके से परीक्षा पास करने की कोशिश सामने आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि परीक्षा माफियाओं ने लाखों रुपये लेकर सेटिंग की थी, लेकिन गहनता से जांच के बाद उनकी सेटिंग पकड़ी गई। सूत्रों के मुताबिक, सिपाही भर्ती परीक्षा में पास कराने का ठेका 10 से 15 लाख रुपये में लिया जाता है। लिखित परीक्षा में बैठने वाले स्कॉलरों को करीब दो लाख रुपये दिए जाते हैं।

First published on: Apr 10, 2025 07:08 PM

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