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राजनीतिक संकट के बीच बढ़ीं लालू परिवार की मुश्किलें, राबड़ी-मीसा को कोर्ट ने भेजा समन

Lalu Yadav Family Crisis: लालू यादव की पार्टी राजद एक ओर जहां राजनीतिक संकट में फंसी है तो दूसरी ओर एक मामले में उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Jan 27, 2024 17:04
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Lalu Prasad Yadav RJD Bihar
Lalu Prasad Yadav RJD Bihar

Lalu Yadav Family Crisis : बिहार में एक ओर राजनीतिक संकट का दौर चल रहा तो दूसरी ओर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, लैंड फॉर जॉब मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट पर दिल्ली की रोज एवेन्यू कोर्ट ने संज्ञान लिया है। मामले में अदालत ने राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी समेत अन्य लोगों को समन जारी करते हुए 9 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया है।

लैंड फॉर जॉब के इस मामले में ईडी की यह पहली चार्जशीट है और एजेंसी ने सात लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी, अमित कात्याल और दो कंपनियां एके इन्फोसिस्टम व एबी एक्सपोर्ट शामिल हैं। मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि एक आरोपी अमित कात्याल ने साल 2006-07 में एके इन्फोसिस्टम नाम की एक कंपनी का गठन किया था। यह कंपनी आइटी से जुड़ी हुई थी।

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7 लोगों को बनाया गया है आरोपी

लैंड फॉर जॉब के इस मामले में ईडी की यह पहली चार्जशीट है और एजेंसी ने सात लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी, अमित कात्याल और दो कंपनियां एके इन्फोसिस्टम व एबी एक्सपोर्ट शामिल हैं। मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि आरोपी अमित कात्याल ने साल 2006-07 में एके इन्फोसिस्टम नाम की एक कंपनी का गठन किया था। यह कंपनी आइटी से जुड़ी हुई थी।

केवल कात्याल की हुई गिरफ्तारी

ईडी ने अदालत को बताया कि कंपनी ने असल में कोई कारोबार नहीं किया बल्कि कई भूखंडों की खरीद की थी। इनमें से एक भूखंड नौकरी के बदले जमीन के जरिए हासिल किया गया था। इस कंपनी को साल 2014 में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर एक लाख रुपये में ट्रांसफर किया गया था। ईडी का कहना है कि यह मामला सात भूखंडों से जुड़ा हुआ है। राबड़ी देवी, हेमा यादव और मीसा भारती ने इन्हें खरीदा था और बाद में बिक्री कर दी थी।

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वहीं, एबी एक्सपोर्ट नामक कंपनी साल 1996 में अस्तित्व में आई थी। साल 2007 में इस कंपनी को पांच कंपनियों से पांच करोड़ रुपये मिले थे और एक प्रॉपर्टी खरीदी गई थी। ईडी के अनुसार मामले में अभी तक सिर्फ अमित कात्याल की गिरफ्तारी हुई है।

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Edited By

Gaurav Pandey

First published on: Jan 27, 2024 04:53 PM

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