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बिहार

बिहार में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कोर्ट का बड़ा एक्शन, क्या था 13 साल पुराना केस?

बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाली बड़ी खबर आई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। 13 साल पुराने मामले में सिवान कोर्ट ने उनके खिलाफ कुर्की का आदेश दिया है। कोर्ट में पेश न होने पर यह सख्त कदम उठाया गया है।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 17, 2025 16:31
Lalu Prasad Yadav
Lalu Prasad Yadav

राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। सिवान कोर्ट ने उनके खिलाफ 13 साल पुराने एक मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कुर्की की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया है। यह मामला साल 2011 का है, जब उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान बिना अनुमति सभा की थी और कानून का उल्लंघन किया था। लगातार कोर्ट में पेश न होने के कारण अब उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। इस खबर ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है और राजद समर्थक चिंतित हैं।

पुराना मामला फिर आया सामने

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। सिवान की अदालत ने उनके खिलाफ 2011 में दर्ज एक पुराने मामले में कुर्की जब्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। यह मामला आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है। उस समय लालू यादव ने बिहार के दारौंदा विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित किया था, जबकि उस स्थान पर धारा 144 लागू थी और लाउडस्पीकर के उपयोग पर रोक लगी हुई थी। इसके बावजूद उन्होंने माइक के माध्यम से भाषण दिया, जिससे कानून का उल्लंघन हुआ।

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बिना अनुमति की थी चुनावी सभा

यह घटना 2011 में बिहार विधानसभा के उपचुनाव के समय की है। उस समय लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री थे। वे अपने पार्टी राजद (RJD) के उम्मीदवार परमेश्वर सिंह के समर्थन में दारौंदा विधानसभा क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे। लेकिन जिस जगह वे प्रचार कर रहे थे, वहां चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की सभा करने की अनुमति नहीं दी थी। उस क्षेत्र में धारा 144 लागू थी। इसका मतलब यह होता है कि वहां भीड़ जुटाना या सार्वजनिक सभा करना कानूनन मना था। इसके अलावा लाउडस्पीकर या माइक का इस्तेमाल भी वहां नहीं किया जा सकता था। इसके बावजूद लालू यादव ने वहां माइक से भाषण दिया, जो कि नियमों का उल्लंघन था।

कोर्ट में हाजिर न होने पर सख्त कार्रवाई

इस मामले में उनके खिलाफ सिवान जिले में मुकदमा दर्ज किया गया था। कई बार कोर्ट की ओर से समन जारी होने के बावजूद लालू यादव अदालत में पेश नहीं हुए। उनकी इस लगातार अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए अब ACJM प्रथम न्यायालय, सिवान ने उनके खिलाफ कुर्की जब्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया है। इसका मतलब यह है कि अब प्रशासन उनके घोषित संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई कर सकता है। यह एक सख्त कानूनी कदम होता है जो कोर्ट में गैरहाजिर रहने पर उठाया जाता है।

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बढ़ सकती हैं परेशानियां

इस मामले की अगली सुनवाई 30 मई 2025 को निर्धारित की गई है। तब तक अगर लालू यादव अदालत में पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ आगे और भी कड़े कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं। यह मामला ऐसे समय पर सामने आया है जब राजद एक बार फिर से बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है। लालू यादव पर पहले से ही कई मामलों में कानूनी कार्रवाई चल रही है, जिनमें चारा घोटाला भी शामिल है। ऐसे में यह नया मोड़ उनके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

First published on: May 17, 2025 02:32 PM

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