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देश के इस राज्य में लगता है भूतों का मेला, जानिए पूर्णिमा की रात क्या करते हैं तांत्रिक-ओझा

Kaunaharaghat Ghat in Hajipur Ghost fair Kartik Purnima at night: बिहार के हाजीपुर के कोनहारा घाट पर हर साल कार्तिक पूर्णिमा की रात भूतों का मेला लगता है। यहां पर ओझा और तांत्रिकों की मंडली लगती है और लोगों के ऊपर से भूत भगाने का काम किया जाता है।

Edited By : khursheed | Updated: Nov 27, 2023 11:47
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देश के इस राज्य में लगता है भूतों का मेला, जानिए पूर्णिमा की रात क्या करते हैं तांत्रिक

Kaunaharaghat Ghat in Hajipur Ghost fair Kartik Purnima at night: (अभिषेक कुमार)। हमारा देश आज चांद पर चला गया। लेकिन अभी भी लोगों का अंधविश्वास की तरफ झुकाव ज्यादा है। साइंस ने भले ही हर क्षेत्र में तरक्की कर ली हो लेकिन आज भी शिक्षा और जागरुकता के अभाव में देश के कई इलाकों में अंधविश्वास और आस्था साइंस पर भारी पड़ती साफ नजर आती है। इसका जीता जागता उदाहरण कार्तिक पूर्णिमा की रात बिहार के हाजीपुर के कौनहाराघाट घाट में देखने को मिला। यहां भूत भगाने का खेल पूरी रात कौनहाराघाट घाट पर चलता है। जिसको लेकर जिला प्रशासन भी लगभग एक महीना से इस भूत के मेले के आयोजन के लिए लगातार मेहनत करती नजर आती है। भूत को पकड़ने और भगाने के लिए भारी संख्या में भगत और ओझा भी इस मेले में पहुंचते हैं। जहां पर भगत और ओझा की दुकान पूरी रात चलती है।

भूत भगाने के लिए खींचे जाते हैं महिलाओं के बाल

कार्तिक पूर्णिमा की रात तांत्रिक इस अनुष्ठान के दौरान भूत से परेशान लोगों को निजात दिलाते दिखते हैं। भूतों को पकड़ने और भगाने का दावा करने वाले ओझा भी इस मेले में बड़ी संख्या में आकर अपनी मंडली लगाते हैं। जगह-जगह ओझाओं की मंडली सजी होती है। जो अलग-अलग अनुष्ठान कर रहे होते हैं। भूत भगाने की तस्वीर देखने को मिलती है। यहां अजीबोगरीब दृश्य दिखता है। कहीं तो भूत भगाने के लिए महिलाओं के बालों से खींचे जाते हैं। तो कहीं छड़ी यानि स्थानीय भाषा में जिसे बेत कहते हैं। उससे पिटाई भी की जाती है। भूतों के इस अजूबे मेले में आए ओझाओं के दावे भी आपको अजूबे लगेंगे। सबसे मजेदार बात ये होती है कि भूतों की भाषा सिर्फ ओझा और भगत समझते हैं।

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क्या है घाट की मान्यता

बता दें कि हाजीपुर के कोनहारा घाट ऐतिहासिक घाट है। इस घाट पर स्वयं भगवान विष्णु ने अवतार लिया था। इस घाट पर गज और ग्राह की लड़ाई हुई थी। जिसमें ग्राहक गज को पानी में खींच कर डुबो रहा था, तब गज भगवान विष्णु को याद किया और प्रार्थना किया तो भगवान विष्णु गज की रक्षा करने के लिए हाजीपुर के घाट पर अवतार लिए और गज और ग्राह की लड़ाई को खत्म कर और गज की भगवान विष्णु ने जान बचाई थी। पूरे मेले क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरा एवं भारी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की गई। साथ ही विभिन्न चौक चौराहे रेलवे स्टेशन सहित तमाम जगहों पर मजिस्ट्रेट एवं 800 पुलिसकर्मी की तैनाती जिला प्रशासन ने किया। जिला प्रशासन के द्वारा ड्रोन कैमरे से भी पूरे मेले पर नजर रखी जा रही थी। वैशाली डीएम और एसपी खुद पूरे मेले की मॉनिटरिंग करने में कंट्रोल रूम में मौजूद रहे और रात भर पदाधिकारी कौनहाराघाट पर बैठे रहे। बिहार के विभिन्न जिलों से लाखों की संख्या में पहुंचे। श्रद्धालु ने सुबह होते ही गंडक नदी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन डुबकी लगाई।

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First published on: Nov 27, 2023 09:37 AM

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