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बिहार

कौन हैं RCP सिंह, जिनकी बेटी को प्रशांत किशोर ने दिया टिकट? जनसुराज में मच गया बवाल

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने 51 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह को आस्थावां सीट से टिकट दिए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. सूची जारी होने के कुछ घंटे बाद ही पार्टी कार्यालय में नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और आरसीपी सिंह के खिलाफ नारेबाजी की.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Oct 9, 2025 17:39
Nitish Kumar RCP Singh (1)
कौन हैं RCP सिंह, बेटी को जनसुराज ने दिया टिकट

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. जन सुराज की पहली लिस्ट जारी होने के बाद से ही बवाल मच गया है. पार्टी ने आज अपने 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, लेकिन आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह को आस्थावां सीट से टिकट दिए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है.

सूची जारी होने के कुछ घंटे बाद ही पार्टी कार्यालय में नाराज कार्यकर्ता प्रदर्शन करने लगे. कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि “अब भरोसा उठ गया”, और आरसीपी सिंह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हालांकि, सूची जारी करने के दौरान प्रशांत किशोर खुद मौजूद नहीं रहे. राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती और आरसीपी सिंह मौजूद थे. उदय सिंह ने बताया कि 11 अक्टूबर से प्रशांत किशोर राघोपुर से अपना जनसंपर्क अभियान शुरू करेंगे, हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वे राघोपुर से ही चुनाव लड़ेंगे या नहीं.

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पार्टी द्वारा घोषित 51 उम्मीदवारों में 7 पिछड़ा वर्ग, 17 अति पिछड़ा वर्ग, 9 मुस्लिम, 1 किन्नर और शेष सामान्य वर्ग के उम्मीदवार शामिल हैं. उदय सिंह ने कहा कि अगली सूची एक-दो दिन में जारी की जाएगी. हालांकि, जन सुराज की पहली लिस्ट में लता सिंह के नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. लता सिंह आरसीपी सिंह की बेटी हैं. आइए जानते हैं कि आखिर आरसीपी सिंह कौन हैं.

कौन हैं आरसीपी सिंह?

आरसीपी सिंह 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. आरसीपी सिंह, बिहार के सीएम नीतीश कुमार के भरोसेमंद रहे हैं. नीतीश कुमार उन्हें प्रमुख सचिव बनाकर बिहार लाए. इसके बाद से ही वह नीतीश कुमार के साथ रहे. कहा जाता है कि नीतीश कुमार की ‘सुशासन बाबू’ वाली छवि बनाने के पीछे आरसीपी सिंह का ही हाथ माना जाता है. साल 2010 में आरसीपी सिंह ने इस्तीफा दिया और जेडीयू में शामिल हो गए.

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साल 2010 के बाद आरसीपी सिंह राजनीति में उतर गए. नीतीश कुमार ने उन्हें जेडीयू में नंबर दो का ओहदा दिया और पहले महासचिव बनाया, लेकिन 2020 के बिहार चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया. हालांकि, साल 2021 में नीतीश कुमार की इच्छा के विरुद्ध आरसीपी सिंह जेडीयू कोटे से केंद्र सरकार में मंत्री बन गए. हालांकि, साल 2022 में राज्यसभा कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें मंत्री पद भी गंवाना पड़ा था.

अगस्त 2022 में आरसीपी सिंह ने जेडीयू के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और फिर जेडीयू ने एनडीए को छोड़ राजद के साथ गठबंधन कर लिया. इसके बाद आरसीपी सिंह मई 2023 में बीजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन फिर नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ गठबंधन हो गया. इसके बाद आरसीपी सिंह बीजेपी में भी हाशिए पर चले गए. इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई, लेकिन आठ महीने बाद ही उन्होंने अपनी पार्टी का जन सुराज के साथ विलय कर लिया.

इस तरह प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह एक साथ आ गए और दोनों ही कभी नीतीश कुमार के सबसे करीबी माने जाते थे. इन्हीं आरसीपी सिंह की बेटी को जब जन सुराज ने टिकट दिया तो बवाल खड़ा हो गया.

First published on: Oct 09, 2025 04:12 PM

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