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बिहार चुनाव में पशुपति पारस कितने ताकतवर, गठबंधन से किसे होगा फायदा?

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो पशुपति कुमार पारस महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले हैं। चलिए जानते हैं कि इसका चुनाव पर क्या असर पड़ेगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Jul 5, 2025 16:16
Bihar Election 2025
कितने ताकतवर हैं पशुपति पारस (X)

Bihar Election 2025: बिहार में इन दिनों विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी गलियारों में राजनीतिक दलों के बीच तनातनी लगातार जारी है। इसी बीच बिहार की खास राजनीतिक पार्टियों में से एक राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) को लेकर दावा किया जा रहा है कि आज ये पार्टी महागठबंधन में शामिल हो सकती है। खुद पार्टी के सुप्रीमो पशुपति कुमार पारस ने महागठबंध INDIA के साथ चुनाव लड़ने की बात कही है। वहीं, उनके भतीजे चिराग पासवान अभी भी NDA के साथ खड़े हैं। चलिए जानते हैं कि RLJP के महागठबंध में शामिल होने से चुनाव पर इसका क्या असर पड़ेगा? साथ ही यह भी जानेंगे आखिर बिहार में RLJP कितनी ताकतवर है।

महागठबंधन के लिए फायदेमंद होंगे पशुपति

RLJP के सुप्रीमो पशुपति कुमार पारस ने साफ-साफ कहा है कि वह इस बार का विधानसभा चुनाव RJD के साथ मिलकर लड़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द महागठबंधन में शामिल होने की बात कही। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही हैं कि शनिवार को पशुपति कुमार पारस RJD के महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं। अगर महागठबंधन में पशुपति पारस पार्टी शामिल होती है तो इसका असर सीधा चुनाव पर पड़ेगा। इससे चुनाव के दौरान चाचा पशुपति पारस की पार्टी और भतीजे चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (LJPR) के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलेगा।

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दलितों का वोट बैंक

पशुपति पारस की पार्टी इस चुनाव में अगर महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ती है तो इससे चिराग पासवान की पार्टी को मिलने वाले दलित और पिछड़े वर्ग के वोट कट सकते हैं। वैसे LJP से अलग होने के बाद से इस पार्टी ने कोई बड़ा चुनाव नहीं जीता है। लेकिन इस पार्टी में LJP के कई दिग्गज नेता शामिल हैं, जिनका अपने क्षेत्र में काफी दबदबा है। इन नेताओं का SC बहुल क्षेत्रों में लोगों के बीच काफी अच्छी पकड़ है। कुल मिलाकर RLJP के महागठबंधन में शामिल होने से RJD को चुनाव में फायदा हो सकता है।

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कैसे हुआ RLJP का जन्म?

बता दें कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच एक विवाद हो गया। इसके बाद साल 2021 में (LJP) विभाजन हो गया और चाचा-भतीजे ने अपने-अपने नेताओं के साथ अलग-अलग पार्टी बना ली। जहां चिराग ने पार्टी के नाम में अपने पिता रामविलास का नाम जोड़ा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (LJPR) बनाया। वहीं, पशुपति कुमार पारस ने अपनी पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) रखा है।

First published on: Jul 05, 2025 03:14 PM

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