Gopal Khemka murder case: पटना में गोपाल खेमका हत्याकांड मामले में आज पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए कारोबारी अशोक साव को पुलिस ने अरेस्ट किया है। इससे पहले पुलिस ने आज सुबह एक आरोपी को एनकाउंटर में ढेर किया था। यहां पर पुलिस आरोपी को पकड़ने गई थी लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग की। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में आरोपी की मौत हो गई।
पुलिस को कारोबारी अशोक साव पर पहले से शक था। पुलिस सबूतों के मिलने का इंतजार कर रही थी। जैसे ही शूटर ने 10 लाख रुपये वाली बात का पर्दाफाश किया तो पुलिस ने कारोबारी को अरेस्ट कर लिया। इस मामले में आज डीजीपी शाम पांच बजे एक प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे। इस दौरान वे इस केस में अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा रखेंगे।
मुख्य घटनाक्रम
मुख्य शूटर उमेश यादव को सोमवार को पटना सिटी के मालसलामी इलाके से गिरफ्तार किया गया। उमेश एक डेकोरेटर्स का काम करता था और जेनरेटर किराये पर देता था। वह इलाके में जाना-पहचाना चेहरा था। उसका एक भाई सीआरपीएफ में कार्यरत है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके घर से एक पिस्टल, 80 गोलियां, हत्या के वक्त पहने कपड़े, और एक लाख रुपये नकद बरामद किए।
पूछताछ में उमेश ने विकास उर्फ राजा का नाम लिया, जिससे उसे हथियार मिले थे। पुलिस जब राजा को पकड़ने उसके नागला, मालसलामी स्थित घर गई, तो वह भागकर एक पुराने ईंट भट्ठे में छिप गया और पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में राजा मारा गया।
सुपारीकिलिंग की गुत्थी सुलझी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 70 वर्षीय अशोक कुमार गुप्ता उर्फ अशोक शाह, जो कि उदयगिरी अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 601 में रहता है, ने ही गोपाल खेमका की हत्या की सुपारी दी थी। इस सुपारी के लिए 10 लाख रुपये की डील हुई थी, जिसमें से 1 लाख रुपये एडवांस दिए गए थे। अशोक गुप्ता मूल रूप से बिहारशरीफ का रहने वाला है और स्क्रैप व रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ा है। उसका बेटा बाहर रहता है, जबकि बेटी-दामाद फतुहा में हैं।
अन्य गिरफ्तारियां
उमेश यादव की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पटना जंक्शन स्थित एक होटल से दो लोगों को हिरासत में लिया, जिन्होंने इस हत्याकांड में लाइनर की भूमिका निभाई थी। इसके अलावा पुलिस ने कोतवाली थाना के पास स्थित उदयगिरी अपार्टमेंट में छापेमारी कर तीन लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें अशोक गुप्ता भी शामिल है।
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पुलिस का दावा
चार दिन की गहन जांच के बाद एसआईटी और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने इस हत्याकांड का खुलासा किया है। पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में सामने आया है कि गोपाल खेमका की हत्या पूरी तरह से सुनियोजित सुपारी किलिंग थी। पुलिस को आशंका है कि अशोक गुप्ता का खेमका परिवार से पुराना संपर्क था, और किसी निजी रंजिश या कारोबारी विवाद की वजह से उसने हत्या की सुपारी दी।
परिजनों ने लगाया फर्जी एनकाउंटर का आरोप
डीजीपी विनय कुमार ने संकेत दिया है कि मामले में और गिरफ्तारियां संभव हैं। साजिश में शामिल बाकी लोगों की पहचान के लिए पूछताछ और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस जारी है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस हत्याकांड में जेल से कोई संपर्क या निर्देश तो नहीं आया था। हालांकि घटना स्थल पर पहुंचे विकास उर्फ़ राजा के परिजन पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगा रहे है। विकास के परिजन उस जगह पहुंचे जहां एनकाउंटर हुआ था। परिजनों का कहना है कि विकास को घर से गिरफ्तार किया गया।
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