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बिहार

‘जीतन राम मांझी पाखंडियों के बाप’, लालू यादव के करीबी पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर बवाल

आरजेडी के मधेपुरा से विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के एक बयान से बिहार में हड़कंप मच गया है। चंद्रशेखर ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की तस्वीर दिखाकर उन्हें पाखंडियों का बाप बताया है। आरजेडी विधायक ने अंबेडकर जयंती समारोह के मौके पर मंच से जीतन राम मांझी की तस्वीर दिखाकर ये बातें कही। चंद्रशेखर के बयान के खिलाफ पूरा एनडीए हमलावर हो गया है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 21, 2025 13:35

सौरव कुमार, पटना।

बिहार में चुनावी साल होने की वजह से सियासी तपिश तेज हो गई है। राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच लालू प्रसाद यादव के करीबी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक और बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को लेकर विवादित बयान दिया है। चंद्रशेखर यादव के इस बयान ने राज्य की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है।

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क्या कहा चंद्रशेखर यादव ने?

चंद्रशेखर ने जीतन मांझी को ‘पाखंडियों का बाप’ कहकर संबोधित किया है। उन्होंने जीतन मांझी की तस्वीर दिखाते हुए ये बात कही। यह बात उन्होंने मोतिहारी में आयोजित अंबेडकर जयंती समारोह के दौरान कही है। चंद्रशेकर ने कहा कि ‘जब मांझी मुख्यमंत्री थे और मंदिर गए थे तो बीजेपी वालों ने गंगाजल से मंदिर धुलवाया था। आज उनके जूठे पत्तल उठा रहे हैं। अगर वो कहें कि हम भी अंबेडकर के दीवाने हैं तो समझिए ये पाखंडियों के बाप हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘जो कौम अपने पुरखों के अपमान का इतिहास नहीं जानता है, वो कौम अपने पुरखों के अपमान का बदला नहीं ले सकता है, इसलिए हम अपने बच्चे को समझाएं कि तुम्हारे पुरखे आज भी अपमानित है।’

भाजपा प्रवक्ता ने किया पलटवार

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी पर पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के अमर्यादित टिप्पणी पर भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा का ने पलटवार किया। प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि ‘कौन किसका जूठा पत्तल उठाते हैं, ये बिहार की जनता अच्छी तरह से जानती है। पाखंड के सिरमौर तो चंद्रशेखर यादव हैं, जिन्होंने शिक्षा मंत्री रहते हुए शिक्षा विभाग की दुर्गति कर दी थी। उनके बयान से अंबेडकर की आत्मा को गहरी ठेस लगी होगी। अनुसूचित वर्ग के मुसहर जाति से आने वाले केंद्रीय मंत्री के बारे में ऐसा बयान देना उनकी सामंती प्रवृति को दर्शाता है। आने वाले विधानसभा चुनाव में मुसहर समुदाय इसका बदला जरूर लेगा।’

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‘यह राजनीतिक मर्यादा के विपरीत’

वहीं, जेडीयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि आरजेडी के नेता ने जीतन मांझी को लेकर जो टिप्पणी की गई है वह ना केवल अशोभनीय बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी ठेस पहुंचाने वाली है। यह राजनीतिक मर्यादा के भी विपरीत है। एलजेपी (रामविलास) के प्रवक्ता राजेश सिंह ने कहा कि ‘इस तरह का बयान देने वाले लोग जीतन मांझी के पैर की धूल के बराबर भी नहीं हो सकते हैं। जीतन मांझी विकास भी करते हैं, सामाजिक सौहार्द भी बनाते हैं और दलितों के सबसे बड़े हिमायती भी हैं। आप इसी तरह का अटर पटर बयान देते-देते कैबिनेट से बाहर हो गए।’

First published on: Apr 21, 2025 12:30 PM

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