Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है. 22 नवंबर से पहले चुनाव संपन्न होने हैं. क्या आपको पता है कि बिहार में पहला विधानसभा चुनाव कब हुआ था और राज्य का पहला मुख्यमंत्री कौन बना था? इतिहास के पन्नों को पलटें तो करीब 70 साल पहले जब भारत ने आजादी की पहली सुबह देखी तो बिहार ने भी अपनी लोकतांत्रिक यात्रा का आगाज किया था.
दरअसल, यहां साल 1952 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे. इन चुनावों ने न सिर्फ राज्य की सियासी जमीन तैयार की बल्कि एक ऐसे नेता को सत्ता की कमान सौंपी जिन्होंने बिहार को आधुनिकता की राह दिखाई. वह नेता थे श्री कृष्ण सिंह जिन्हें प्यार से लोग ‘श्री बाबू’ के नाम से जानते थे.
1952 के बिहार विधानसभा चुनाव में कुल 330 सीटें थीं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 1952 के बिहार विधानसभा चुनाव में कुल 330 सीटें थीं, जिसमें 276 निर्वाचन क्षेत्र और 50 दो सदस्यीय सीटें शामिल थीं. बता दें अभी नए परिसीमन के अनुसार प्रदेश में कुल 243 विधानसभा सीट हैं. यहां एनडीए की सरकार है और जेडीयू के नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं.
चुनाव अयोग ने रंग-बिरंगे बैलट बॉक्स और चिह्नों वाले मतपत्र का यूज किया
जानकारी के अनुसार पहले चुनाव में 13 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियां मैदान में थीं, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) सबसे बड़ी पार्टी थी. चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार उस समय प्रदेश में करीब 14% साक्षरता थी. लोगों को वोटिंग करने में परेशानी न हो इसलिए चुनाव अयोग ने रंग-बिरंगे बैलट बॉक्स और चिह्नों वाला मतपत्र का यूज किया था.
कांग्रेस के बाद दूसरे नंबर पर झारखंड पार्टी ने 32 सीटें जीती थीं
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि पहले चुनाव में गांव-गांव घूमते कार्यकर्ता, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर लगे पोस्टर बेहद अलग माहौल बनाते थे. पहले चुनाव में हिंदू महासभा, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, जनसंघ, रामराज्य परिषद, वामदल, झारखंड पार्टी समेत अन्य पार्टियों ने चुनाव लड़ा था. कांग्रेस के बाद दूसरे नंबर पर झारखंड पार्टी ने 32 सीटें जीती थीं. इसके बाद तीसरे नंबर पर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को 23 और चौथे नंबर पर सीएनएसपीजेपी को 11 सीट मिली थीं. चुनाव आयोग के अनुसार पहले विधानसभा चुनाव में कुल मतदाता 1,80,80,181 थे जिनमें से 99,95,451 ने मतदान किया था.
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