मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) का एक प्रतिनिधिमंडल बिहार पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बिहार की राजधानी पटना पहुंचा. इसमें चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी भी शामिल थे. मुख्य चुनाव आयुक्त कुमार की अध्यक्षता में सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक सर्वदलीय बैठक वर्तमान में पटना के ताज होटल में हुई. इस बीच कांग्रेस की तरफ से चुनाव आयोग से 5 सवालों के जवाब मांगे गए हैं.
कांग्रेस ने पूछे 5 सवाल
बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने बिहार के ऐतिहासिक धरती पर अपना कदम रखा है. SIR के मुद्दों को लेकर वह यहां आए हैं. मैं उनका स्वागत करता हूं, मगर सवाल भी उनके समक्ष रखना चाहता हूं. वोटरों के अधिकार को लेकर राहुल गांधी ने वोटर यात्रा अधिकार निकाला और प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी. इलेक्शन कमीशन से 5 सवाल हैं.
पहला और दूसरा सवाल
पहला सवाल, 30 तारीख को जो सूची जारी की गई है, उसको लेकर कांग्रेस यह मांग करती है कि पलायन किए गए लोगों के कितने नाम काटे गए. इसकी सूची जारी की जाए. दूसरा सवाल, नए नाम जोड़ने के लिए फॉर्म-6 के माध्यम से 21 लाख 53 हजार नाम नए जोड़े गए हैं, उसकी सूची दी जाए. इसके साथ ही, उनके उम्र की भी जानकारी होनी चाहिए क्योंकि फॉर्म-6 में नए वोटरों के नाम होते हैं. मगर ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं जिसमें 70-75 वर्ष के लोगों के नाम जोड़े गए हैं.
कितनी महिलाओं के नाम कटे और क्यों?
तीसरा सवाल, नई सूची में महिलाओं के कितने नाम कटे और जुड़े हैं. उनके कटने और जुड़ने का क्या कारण है? इसकी भी जानकारी दी जाए. चौथा सवाल, जिनकी मृत्यु हो गई है उनकी सूची भी नाम के साथ दी जाए. बहुत गंभीरता से इलेक्शन कमीशन ने कहा था कि हम घुसपैठियों को रोकने के लिए यह कवायद कर रहे हैं. मगर इलेक्शन कमीशन में अब तक एक भी घुसपैठिए का नाम नहीं दर्ज किया गया है. पांचवां हम मांग करते हैं कि कितने घुसपैठियों को चिन्हित किया है, उनके नाम बताएं.
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कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने कहा कि जब भी इलेक्शन कमीशन से विपक्ष ने सवाल किया तो उसका जवाब भारतीय जनता पार्टी से आया. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने साक्ष्य के साथ वोट चोरी को दिखाया. उस सवाल का जवाब आज तक नहीं आया है. देश का जो इलेक्शन कमीशन की प्रति विश्वसनीयता है, उसे उन्होंने खुद तोड़ा है. भारतीय जनता पार्टी देश में जितनी भी ऑटोनॉमस बॉडी है, उसे बिगाड़ने में लगी हुई है. इलेक्शन कमीशन तो इलेक्शन की तारीख भी सरकार से ही पूछेगा क्योंकि अभी तो कई उद्घाटन और शिलान्यास ये करवाएंगे. राजेश राम ने कहा कि हमने इलेक्शन कमीशन के सामने 12 मांगें रखी हैं. यह सभी SIR से जुड़े हैं.










